Guru Purnima

Guru Purnima: कहते हैं गुरु स्वयं परमात्मा होते हैं और गुरु ही भगवान से मिलाने वाला माध्यम होता है आज हम गुरु पूर्णिमा पर आपको सच्चे गुरु की महिमा, सच्चे गुरु का प्रमाण, गुरु कैसा होना चाहिए, गुरु का शिष्य के प्रति कैसा प्रेम होना चाहिए और शिष्य के गुरु के प्रति कैसे भाव होने चाहिए इसके बारे में बताएंगे।

दोस्तों गुरु होना हमारे जीवन में बहुत ही सौभाग्य की बात होती है क्योंकि बचपन से लेकर बूढ़े होने तक या यूं कहें इस जीवन के पाठ को गुरु ही पढ़ाता है गुरु हमारे जीवन में अंधकार में प्रकाश का कार्य करता है।

Guru Purnima गुरु का महत्व

एक वाणी में कहा है

गुरूर ब्रह्मा गुरूर विष्णु,
गुरु देवो महेश्वरा,
गुरु साक्षात परब्रह्म,
तस्मै श्री गुरुवे नमः

भावार्थ है गुरु ब्रह्मा विष्णु महेश यानी पारब्रह्म जो सबसे बड़ा भगवान है उनके बराबर होते हैं ऐसे गुरु को नमन करते हैं।

बचपन में हम जब शिक्षा प्राप्त करते हैं तो शिक्षा देने वाला गुरु अलग होता है उसके बाद हम कार्यक्षेत्र में जाते हैं कार्यक्षेत्र का गुरु अलग होता है इसी प्रकार आध्यात्मिक मार्ग में भगवान से मिलाने वाला गुरु सबसे अलग होता है वह स्वयं परमात्मा होते हैं।

Guru Purnima

गुरु पूर्णिमा के दिन पूर्ण गुरु की पूजा का विधान है। इस दिन शिष्य अपने गुरु की बड़े ही श्रद्धा भाव से पूजा करके अपने सामथ्र्य के अनुसार गुरु दक्षिणा देता है। भारत में गुरु–शिष्य की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। गुरु हमेशा अपने शिष्य को जीवन की सही राह दिखाते हुए उसके लक्ष्य की प्राप्ति करवाता है। आज गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर आइए जानते हैं कबीर साहेब जी की उस पावन वाणी का सार जो आज भी हमें सही दिशा दिखाने का काम कर रही है। –

गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागू पाय।

बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय।।

कबीर साहेब जी गुरु की महत्ता बताते हुए कहते हैं गुरु के समान कोई भी हितैषी नहीं होता है। गुरु की कृपा मिल जाये तो आम आदमी भी पल भर में देवता समान बन जाता है।

गुरु गोबिंद तौ एक है, दूजा यहु आकार।

आपा मेट जीवत मरै, तौ पावै करतार।।

सद्गुरु कबीर जी कहते हैं कि गुरु और गोविंद दोनों ही एक हैं। इनका केवल आकार यानी उनकी उपाधि अलग–अलग है। जो शिष्य अपने अहंकार को मिटाकर जीवित अवस्था में सभी विषय वासनाओं को त्याग कर पूर्ण परमात्मा के सच्चे नाम की भक्ति करता है तो भगवान को अवश्य पा सकता है। Guru Purnima 2021

सतगुरु की महिमा अनंत, किया उपगार।

लोचन अनंत उघाड़िया, अनंत दिखावणहार।।

कबीर साहेब जी कहते हैं कि गुरु की महिमा अपार है। गुरु के द्वारा किए गए उपकारों की कोई सीमा नहीं है। उसने मेरे अनंत ज्ञान चक्षु खोल दिए हैं और इस प्रकार वे मुझे लगातार परमात्मा का साक्षात्कार कराते रहते हैं।

गुरु तो ऐसा चाहिए, शिष सों कछु न लेय।

शिष तो ऐसा चाहिए, गुरु को सब कुछ देय।।

Guru Purnima

कबीर साहेब जी कहते हैं कि गुरु को हमेशा निष्काम, निर्लोभी और संतोषी होना चाहिए। उसे शिष्य से कभी भी कुछ लेने की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए क्योंकि जहां गुरु लोभी और शिष्य से कुछ लेने की कामना करता है, वहां पर गुरुत्व की गरिमा घट जाती है. लेकिन इससे परे शिष्य को हमेशा अपने आप को गुरु को सर्वस्व समर्पण करने के लिए तैयार रहना चाहिए, तभी वह गुरु से ज्ञान की प्राप्ति कर सकता है।

Guru Purnima

Guru Purnima सच्चे गुरु की महिमा।

सात समुंद्र की मसि करूं, लेखनी करूं वनराय।
धरती का कागज करूं, गुरु गुण लिखा न जाए।।

Guru Purnima ऊपर लिखी वाणी में परमात्मा स्वरुप गुरुदेव की महिमा जितनी लिखी जाए कम है, आध्यात्मिक मार्ग में हमारे गुरुदेव जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जो कि विश्व में तथा 21 ब्रह्मांड में वक्त गुरु है इनकी महिमा हम जितने गाए उतनी ही कम है।

Guru Purnima गुरुदेव संत रामपाल जी महाराज ने हमें जीवन में इतनी अच्छी शिक्षाएं दी है कि आज व्यक्ति चाह कर भी नशा नहीं कर सकता, चाह कर भी दान दहेज ना लेता ना देता, और ना ही किसी भी गलत कार्य में सहयोग देता, ना ही किसी की आत्मा को दुख पहुंचाता, हमारी गुरुदेव जी बताते हैं कि माता-पिता की भी सेवा करो साथ में कहते हैं धन्य है आपके मात-पिता जिनसे आपको जन्म मिला, अपने से निर्धन व्यक्ति की हमेशा मदद करें, हमेशा पशु पक्षियों के प्रति दया भाव प्रेम रखें आदि शिक्षाएं हमें हमारे गुरुदेव भगवान ने दी है।

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Guru Purnima सच्चे गुरु का प्रमाण

Guru Purnima गुरु जीवन में बहुत सारे आते हैं और विश्व भर में ऐसे बहुत सारे गुरु है जो शिष्यों का मार्गदर्शन करते हैं लेकिन गुरु-गुरु में भेद है? सच्चा गुरु कौन सा है? क्या आपका गुरु सच्चा है?

ऐसे कई प्रश्न हमारे दिमाग में घूमते रहते हैं इसलिए पवित्र गीता जी में जिसमे तत्वदर्शी संत के बारे में वर्णन किया गया है वहीं गुरु पूरा होता है उस गुरु की खोज करो।

परमात्मा कबीर साहिब जी ने गुरु की महिमा बताते हुए कुछ वाणियां लिखी है जिनको हम आगे बता रहे हैं इन वाक्यों को सुनकर अपने जीवन में उतार कर आप भी अपना जीवन धन्य बनाएं। यह वाणियां बहुत ही अनमोल है जो किसी भी धार्मिक कार्य को शुरू करने से पहले हम पढ़ते हैं सुनते हैं और सुनाते हैं।

Guru Purnima 2021
Guru Purnima 2021

Guru Purnima कबीर साहिब जी के गुरु कौन थे?

Guru Purnima: अक्सर आपने एक गुरु की महिमा के बारे में कबीर साहिब जी की वाणी या जरूर सुनी होगी हम आपको बता दें कबीर साहिब जी के गुरु थे और उन्होंने यह ज्ञान हमें बताया वैसे तो उनको गुरु की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि वह स्वय परमात्मा थे, लेकिन मर्यादा रखने के लिए उन्होंने स्वामी रामानंद को अपना गुरु बनाया।


Guru Purnima क्या जीवन में गुरु बनाना जरूरी है?

जी हां दोस्तों गुरु बनाना बहुत ही जरूरी है एक वाणी में कहां है.


कबीर राम कृष्ण से कौन बड़ा, इन्हें भी गुरू किन।

तीन लोक से के यह धनी, गुरु आगे आधीन।।

Guru Purnima: जिनकी हम पूजा करते हैं भगवान श्री राम भगवान श्री कृष्ण इन्होंने भी अपने जीवन में भक्ति मार्ग में गुरु बनाया था इसलिए भक्ति मार्ग में गुरु होना जरूरी है गुरु भी पूरा हो जिसको गीता जी में तत्वदर्शी संत कहां है।

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