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अवतरण दिवस: भारत के 9 स्थानों पर होगा सद्ग्रन्थ साहेब का अखण्ड पाठ

अवतरण दिवस: विश्व विजेता सन्त रामपाल जी महाराज का अवतरण हरियाणा की पवित्र भूमि पर दिनांक 8 सितम्बर 1951 को हुआ। सन्त रामपाल जी महाराज के अवतरण की अवधि 7 सितम्बर 2022 को 71 वर्ष पूर्ण हो रही है। 8 सितम्बर को 72 वां अवतरण दिवस है अतः इस उपलक्ष्य में देश के 9 स्थानों पर संत गरीबदास जी महाराज द्वारा बोली गयी बाणियां जो सद्ग्रन्थ साहेब के नाम से संग्रहीत है, का अखण्ड पाठ होने जा रहा है। देश के जिन 9 स्थानों पर सद ग्रन्थ साहेब का पाठ होगा उसमें तीन हरियाणा (सिंहपुरा रोहतक, भिवानी, कुरूक्षेत्र) दो पंजाब (धुरी, खमानी) एक राजस्थान (सोजत जोधपुर) एक मध्यप्रदेश (इन्दौर), एक दिल्ली (मुण्डका) एक उत्तर प्रदेश (शामली) शामिल है। पाठ 6 सितम्बर से 8 सितम्बर तक चलेगा। पाठ का लाइव प्रसारण सोशल मीडिया के प्रत्येक प्लेटफार्म पर किया जायेगा। तीन दिन तक चलने वाले समागम में विश्व के कोने कोने से सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी आकर हिस्सा लेगे।

अवतरण दिवस: सदग्रन्थ साहेब की जानकारी अबतक भारतवर्ष में कम लोगो तक सीमित थी। सन्त रामपाल जी महाराज की दया से अब इस ग्रन्थ की जानकारी विश्व के सभी भूभागों तक पहुंच रही है। सदग्रन्थ साहेब में पूर्ण परमात्मा कविर्देव की विस्तृत जानकारी के साथ इस त्रिलोकी के अन्य भगवानों की जानकारी दी गयी है।

अवतरण दिवस: सन्त गरीबदास जी महाराज को छुड़ानी के जंगलो में पूर्ण परमात्मा कविर्देव जिनको सभी कबीर साहेब कहकर पुकारते है मिले। सन्त गरीब दास जी महाराज का ज्ञानयोग परमात्मा कविर्देव ने खोल दिया था फलस्वरूप अनपढ़ होते हुये भी जिस मार्मिक ढंग से सन्त गरीबदास जी महाराज ने सद ग्रन्थ साहेब लिखवाया उसे पद़कर अच्छे अच्छे विद्वानों के पसीने छूट जाते है। लगभग 250 वर्ष से सदग्रन्थ साहेब हमारे मध्य है लेकिन कोई भी विद्वान सदग्रन्थ साहेब के अर्थ व निष्कर्ष को नहीं निकाल पाया था।

सदग्रन्थ साहेब के सम्बन्ध में विस्तार से सन्त रामपाल जी महाराज ने समझाया है। अतः जो ग्रन्थ वर्षों से अति रहस्यमयी बना था उसका यथार्थ अनुवाद सन्त रामपाल जी महाराज की कृपा से हम सबके बीच आज सहज में उपलब्ध है।।

अवतरण दिवस: सन्त रामपाल जी महाराज द्वारा चलाये गये मिशन के अनेक मायने हैं। सन्त रामपाल जी महाराज का मूल मिशन आत्म कल्याण है उसके साथ साथ दहेज , रिश्वतखोरी भ्रूण हत्या, नशा, छुआछूत का अन्त आदि अनेक अन्य मिशन एक साथ चलाये जा रहे है। सन्त रामपाल जी महाराज ने अपने ज्ञान से पाखण्ड वाद पर जमकर प्रहार किया है। कुरीतियों को जमकर धोखा है उसका सुखद परिणाम यह निकला कि सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों के चरित्र बहुत अच्छे है।

अवतरण दिवस: सरकारें जहां युवकों से नशे की लत छुडा़ने को पूरा प्रयास करती है पर पूरी तरह फेल भी है। नशा मुक्ति केन्द्र में गये युवक का नशा कुछ दिन के लिये भले ही छूट जाता हो पर थोड़े दिन बाद वह फिर नशे का शिकार हो जाता है। पर सन्त रामपाल जी महाराज के सम्पर्क में आये युवक का नशा ही नहीं छूटता बल्कि वह एक अच्छा इन्सान भी बन जाताा है।

अवतरण दिवस: सन्त रामपाल जी महाराज ने इस धरा धाम पर आकर सिर्फ सदग्रन्थ साहेब के गूढ़ रहस्यों को सुलझाने के साथ साथ जीव के आत्म कल्याण का रास्ता खोल भी खोला है। अब तक जीव को यह पहचान नहीं थी कि हमारा वास्तविक पिता कौन है। अपने वास्तविक पिता के पास पहुंचने का रास्ता क्या है।

अवतरण दिवस: सन्त रामपाल जी महाराज अपने प्रवचनों मे समझाते है हमारा मूल घर सतलोक है। जिसे परमधाम भी कहते है। हर देवी देव के अपने अपने परमधाम हैं जैसे विष्णु के परमधाम को विष्णु लोक, वैकुण्ठ लोक ,गोलोक आदि नामों से जाना जाता है इसी तरह शंकर ब्रह्मा के अपने अपने परमधाम है।

अवतरण दिवस: विभिन्न देवी देयताओं के उपासक अपने इष्ट के धाम को परमधाम कहकर पुकारते है इस कारण से आम जनमानस भ्रम की स्थिति में पहुंच गया था। इस भ्रम को सन्त रामपाल जी महाराज का ज्ञान पढकर समझा जा सकता है कि हमारा वास्तविक परमधाम सतलोक है। सतलोक में ही हम सबके सिरजनहार कविर्देव का वास है। कविर्देव को हम अपभ्रन्श रूप में कविर देव, कबिरदेव, कबीर देव कबीर साहेब ,कबीरू ,अकबरू या अकबर समेत विभिन्न नामों से बोलने लग जाते हैं।

अवतरण दिवस: सन्त रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में बहुत बड़ा योगदान है। इसके लिये लिखकर बताने की जरूरत नहीं है। इस बात को जानने समझने के लिये सन्त रामपाल जी महाराज के किसी अनुयायी का पूर्व व वर्तमान देखकर बड़ी आसानी से पता लगाया जा सकता है।

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अवतरण दिवस: 8 सितंबर, संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर हम सन्त रामपाल जी महाराज द्वारा किये जा रहे समाज सुधार के उन अद्भुत कार्यों की एक झांकी प्रस्तुत कर रहे हैं जिसको संत रामपाल जी महाराज अपनी प्राण ऊर्जा से सींचकर समाज में बहुत बड़े बदलाव का कार्य कर सतयुग जैसा माहौल बनाना चाह रहे हैं। सन्त रामपाल जी महाराज का मूल उद्देश्य संसार को सतभक्ति दे कर मोक्ष प्रदान करने के साथ समाज से पाखंड दूर करना विश्व में शांति स्थापित करना ,भ्रष्टाचार का समूल नाश करना। आध्यात्मिक जागृति लाकर जाति-पाति को दूर करना ,हर प्रकार के नशे को दूर करना। दहेज रूपी कुरीति को खत्म करना आदि शामिल हैं।
संत रामपाल जी ने प्रमाणित सत्य भक्ति साधना देने के साथ साथ समाज हित के लिए भी कई बड़े कदम उठाए हैं, वे चाहते हैं कि समाज में कोई भी प्राणी किसी भी कारण दुःखी न हो। उनकी हर समस्या का समाधान हो। समाज बुराइयों रहित बने। मनुष्यों पर कोई भी आपदा न आए और धरती स्वर्ग समान बन जाए। आइये जाने सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों में ऐसा क्या विशेष है जो अन्य नकली गुरुओं के अनुयायियों से उन्हें अलग बनाता है।

अवतरण दिवस: दहेज प्रथा का समूल नाश

अवतरण दिवस:जहाँ आज दहेज क कारण न जाने कितनी ही बहन, बेटियों को समाज में जिंदा जला दिया जाता है या फिर बहुत से कष्ट दिए जाते हैं वहीं दूसरी और समाज सुधारक परम संत रामपाल जी महाराज जी अपने अनुयायियों को दहेज मुक्त विवाह करने की शिक्षा देकर दहेज मुक्त विवाह करवा रहे हैं। जिससे दहेज प्रथा का अंत हो रहा है। बहन, बेटियों को समाज में सम्मान के साथ जीने का अधिकार दे रहे हैं।

अवतरण दिवस: कुरीतियों का अंत

अवतरण दिवस: संत रामपाल जी महाराज मृत्यु के उपरांत तेरहवीं, छमाही, बरसी, पितृ पूजा, श्राद्ध कर्म आदि कुरीतियाँ जो लोगों के ऊपर बोझ बनी हुई हैं उन्हें समाप्त कर रहे हैं। संत रामपाल जी के आध्यात्मिक ज्ञान से आज लाखों लोग अपनी रूढ़िवादी कुरीतियों और सामाजिक बुराइयों को छोड़कर शास्त्र अनुसार सद्भक्ति कर रहे हैं।

अवतरण दिवस: पाखंडवाद का समूल नाश


अवतरण दिवस: संत रामपाल जी महाराज समाज में फैले पाखंडवाद को समाप्त करने के उद्देश्य से सभी प्रमाणित धर्म ग्रंथों की तुलनात्मक समीक्षा करके शास्त्र अनुकूल भक्ति को जनसाधारण तक पहुंचाना चाहते हैं ताकि मानव अपने मूल उद्देश्य को पहचान कर जन्म-मरण से छुटकारा पाकर मोक्ष प्राप्त कर सके। सर्व धर्म ग्रंथों के प्रमाण टीवी चैनल पर दिखाकर संत रामपाल जी महाराज शास्त्र विरुद्ध हो रही भक्ति विधि और समाज में धर्म के नाम पर हो रहे पाखंड को समाप्त कर रहे हैं, साथ ही शास्त्रानुकूल भक्ति विधि बता रहे हैं जिससे लोगों को सुख प्राप्त हो रहे हैं जो परमेश्वर देता है।

अवतरण दिवस: नशा मुक्त भारत

अवतरण दिवस: आज समाज में नशे रुपी राक्षस का प्रहार तेजी से फैलता नजर आ रहा है। एक इंसान नशा करने के बाद अपनी इंसानियत भूलकर गलत कदम उठा लेता है जैसे बहन-बेटियों के साथ अश्लील हरकतें व मार-पीट व यौन शोषण के मामले में अहम योगदान नशे का रहता है सिर्फ आध्यात्मिक ज्ञान से ही इससे छुटकारा पाया जा सकता है। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सुनकर लोग नशे की लत से आप स दूर हो रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज ने नशे की लत से लाखों उजड़े परिवारों को मात्र ज्ञान आधार से एक बार पुनः नशा मुक्त कर उन्हें सुखी बनाया है।

अवतरण दिवस: बेटा-बेटी एक समान

अवतरण दिवस: संत रामपाल जी महाराज ने अपने सत्संगों में बताया है कि बेटा हो या बेटी सभी परमात्मा की आत्माएं हैं और हमें उनमें भेदभाव करके परमात्मा का दोषी नहीं बनना चाहिए ।

अवतरण दिवस: कन्या भ्रूण हत्या निषेध

अवतरण दिवस: कन्या भ्रूण हत्या एक कुरीति है जिसका पालन सामाजिक दबाव या दहेज के बोझ के कारण किया जाता है। संत रामपाल जी महाराज के पवित्र आध्यात्मिक प्रवचनों के कारण उनके शिष्यों ने इस बुराई को त्याग दिया है। दहेज, नशा, पाखंडवाद, मृत्यु भोज आदि को जड़ से खत्म कर रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य मानव समाज को सद्भक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना है। वे मानव समाज में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना चाहते हैं। संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य समाज से जातिवाद, छुआ-छूत, पाखंडवाद, ऊंच-नीच के भेदभाव को समाप्त करना है।

अवतरण दिवस: संत रामपाल जी महाराज का नारा है


अवतरण दिवस: जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा ॥ संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि हर जीव परमात्मा की संतान है और परमात्मा ने उनमें किसी भी तरीके का भेदभाव नहीं किया है। मनुष्य जीवन का उद्देश्य तत्वज्ञान द्वारा परमात्मा को पहचान कर सतभक्ति करके मोक्ष प्राप्त करना है। उन्होंने जाति, धर्म व उच्च पद से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी महाराज सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं।

■ यह भी पढ़ें:  तत्वदर्शी संत से दीक्षित (गुरू दीक्षा) व्यक्ति बनता है मोक्ष का अधिकारी।

आप सभी से विनम्र निवेदन है जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी से निशुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
Nity

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