Dowry free India: भारत एक ऐसा देश है जहां लोग दिखावे और दहेज वाली शादियां करने के शौकीन होते हैं। यहां लड़के की परवरिश यह सोच कर की जाती है कि लड़के की शादी ऐसे परिवार में करेंगे जहां से मोटा दहेज मिल सके। दहेज के लेन-देन ने समाज में भयावह स्थिति उत्पन्न की हुई है। भले लड़की का बाप साइकल चालक हो फिर भी लड़के वाले दहेज में उनसे मोटरसाइकिल मांगते हैं। सरकारी नौकरी में लगे लड़के के विवाह में वर पक्ष के लोग मुंह खोलकर दहेज मांगते हैं।
Dowry Free Marriages with the grace of Sant Rampal Ji Maharaj: आडम्बरों से रहित सादगीपूर्ण दहेज मुक्त विवाह हुए सम्पन्न, समाज में दिया अनोखा सन्देश
Dowry-Free Marriages with the Grace of Saint Rampal Ji Maharaj
Dowry Free India: वर्तमान युग शिक्षा व आधुनिकता की चरम सीमा पर खड़ा हुआ युग है, परन्तु आज भी समाज में कुछ अप्रसांगिक, अमानवीय व रूढ़िवादी कुरीतियां प्रचलित हैं जिनमें से एक का नाम दहेज है, यह कुप्रथा आज की नहीं बहुत ही लंबे अरसे से चली आ रही कुप्रथा है। इस कुप्रथा ने समय-समय पर समाज में गहरे आघात किये हैं, कई बहन-बेटियों की बलि ली है, परन्तु अब संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में इस कुप्रथा का अंत निकट है, जगतगुरू संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दहेज जैसी दीमक से सभ्य मानव समाज को छुटकारा मिलेगा तथा स्वच्छ मानव समाज का निर्माण होगा, साथ ही कलयुग में सतयुग जैसी सत्ता स्थापित होगी।
बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की शिक्षाओं अनुसार मात्र 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह संपन्न
“संत रामपाल जी को अपनाएंगे ।।
दहेज मुक्त भारत बनाएंगे।।”
तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज ने अपने अनुयायियों को दहेजमुक्त विवाह की शिक्षा दी है। गुरुवचन पर चलकर उनके सभी शिष्य बिना दहेज का विवाह करते हैं। वर पक्ष न दहेज की मांग करता है और न ही वधु पक्ष दहेज देता है। यदि दे भी तो वर पक्ष गुरु वचन का उल्लंघन न करते हुए उसे स्वीकार नहीं करता। बिना समय और धन का व्यय किये 17 मिनट की रमैनी जिसमे पूर्ण परमात्मा और विश्व के सभी देवी देवताओं की स्तुति और आव्हान किया जाता है, से विवाह सम्पन्न किया। सन्त रामपाल जी महाराज सभी को बराबरी से रहने की शिक्षा देते हैं। आर्थिक स्थिति में अंतर आदि से परे सभी स्त्री पुरुष समान हैं, जिनका उद्देश्य भगत के आभूषणों जैसे शील, विवेक आदि से युक्त होना चाहिए।
समाज ने स्वयं दहेज की रीति बनाई और उसके फलस्वरूप भ्रूण हत्या जैसी अन्य सामाजिक बीमारी उपजी। प्रत्येक पिता या परिवार बेटी के विवाह को चिंता के रूप में लेता है और समाज मे दहेज का सौदा करके बेटियों का विवाह करता है। यह निंदनीय है। अनपढ़ से लेकर शिक्षित समुदाय भी दहेज प्रथा (Dahej Pratha) में लिप्त पाए जाते हैं। दहेज के अतिरिक्त दिखावा, बैंड-बाजे आदि के माध्यम से अतिरिक्त और अनावश्यक खर्च को बढ़ावा दिया जाता है।
बिल्कुल नहीं! बेटी माता-पिता पर बोझ नहीं होती है । संत रामपाल जी बताते हैं ,बेटी गऊ जैसी निर्मल आत्मा वाली होती है। उदाहरण के लिए , बेटा बेटी दोनों भोजन कर रहे हों और बेटे से यदि कहा जाए वह फलाना चीज़ उठा कर ला दे तो कहेगा मैं क्यों जाऊं? मेरी बहन को कह दे पिता जी और बेटी बिना कहे ही सब काम झट से कर देती है। सदा माता पिता की आज्ञा में रहती है। ऐसी निर्मल आत्मा माता पिता पर कभी बोझ नहीं होती।
सन्त रामपाल जी महाराज ने दहेज (Dahej Pratha) को सामाजिक अभिशाप बताया है। ऐसा नहीं है कि इसके पहले दहेज प्रथा का विरोध नहीं किया गया किंतु इससे पहले इतने सुंदर और साधारण तरीके से विवाह कभी अस्तित्व में नहीं थे। सरकार द्वारा दहेज निषेध अधिनियम बनाने पर भी चोरी छिपे और प्रकट दोनों ही रूपों से दहेज का आदान प्रदान चलता रहा है। सरकार भी जिस बुराई को रोक सकने में अक्षम रही उसे सन्त रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान ने कर दिखाया है।
Dowry Free India
गोविंदा के मैनेजर शशि सिन्हा ने बताया कि अभिनेता अपनी रिवॉल्वर को केस में रख…
Indian Army Day in Hindi: 15 जनवरी का दिन भारत के लिए अहम दिन होता…
National Youth Day: राष्ट्रीय युवा दिवस (स्वामी विवेकानंद जन्म दिवस) National Youth Day: हर वर्ष…
Gadi Ke Number Se Malik Ka Name गाड़ी नंबर से मालिक यहां से घर बैठे…
Kabir Saheb Nirvan Divas: कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस: यह परमात्मा की ही दया है कि…
Makar Sankranti Hindi: हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति त्योहार का बहुत ही ज्यादा महत्व है. इस…
This website uses cookies.