Latest News

Rishi Parashara: पाराशर ऋषि ने अपनी पुत्री के साथ किया….

Updated 27 dec., 3:20 pm

Rishi Parashara Katha: ऋषि पराशर और ‘मछोधरी’ उर्फ सत्यवती की कथा

पराशर ऋषि के पितामह महर्षि वशिष्ठ थे और इनके पिता ऋषि शक्तिशाली थे। पितामहा की देखरेख में उनका अध्ययन हुआ उन्हें अपने सभी धर्म ग्रंथों का ज्ञान हो गया। Rishi Parashara धीरे-धीरे बड़े हुए जब उनका विवाह हो गया उसके बाद उन्हें पता चला कि उनके पिता को राक्षसों ने मार दिया था। तब वह घर त्याग कर जंगल में सिद्धि शक्ति प्राप्त करने चले गए उन्होंने सोचा की उन्होंने मेरे पिता को मारा और मैं भी उन्हें मार दूंगा तो उनमें और मुझमें क्या फर्क रहेगा इसीलिए सिद्धि शक्ति प्राप्त करके शक्तिशाली बनने गए।

जब वह घर छोड़कर जाने लगे तो उनकी पत्नी ने कहा कि आप चले जाओगे तो मेरा क्या होगा आपने विवाह किया और अब जा रहे हो तब उन्होंने कहा मैं कुछ वर्षों में आ जाऊंगा और किसी के हाथों तुम्हारे लिए शुक्रम शक्ति भिजवा लूंगा जिससे तुम गर्भवती हो जाओगी ऐसा कहकर वह चले गए।


Rishi Parashara पाराशर ऋषि ने अपने कहे अनुसार कुछ वर्ष बाद अपनी शुक्रम शक्ति एक पीपल के पत्ते पर रखकर एक कौवे के साथ अपनी पत्नी के लिए भिजवा दी। रास्ते में कौवे और बाज की लड़ाई हो गई बाज ने सोचा कोई अच्छी खाने लायक वस्तु होगी यहां इसके लिए दोनों जब पढ़ने लगे एक दूसरे पर और वह बीच शक्ति पानी में गिर गई नीचे दरिया थी।

उसके पानी में एक मछली ने उस बीज शक्ति को खा लिया जिससे मछली के गर्भधारण हो गया एक दिन मछुआरा ने जाल बिछाया और वह मछली पकड़ी गई मछुआरे ने जब मछली को घर जाकर एक चीज दिया तो उसमें से एक लड़की निकली मछुआरे ने उस लड़की का पालन पोषण किया। लड़की मछली के पेट से निकली थी इसीलिए उसके शरीर से मछली की दुर्गंध आती थी उसका नाम “मछोधरी” रखा गया।

also Read: Story of Timur Lang

Rishi Parashara: ऋषि पराशर को महान ज्ञाता का वरदान किसने दिया था ?

Rishi Parashara: ऋषि पराशर को महान ज्ञाता का वरदान किसने दिया था ?


पाराशर ऋषि Rishi Parashara भगवान शिव के अनन्य उपासक थे। उनके पिता तथा भाइयों का राक्षसों ने वध कर दिया। उन्हें यह भी बताया गया कि यह सब विश्वामित्र के श्राप के कारण ही राक्षसों ने किया। तब तो वह आग बबूला हो उठे। अपने पिता तथा भाइयों के यूं किए वध का बदला लेने का निश्चय कर लिया। इसके लिए भगवान शिव से प्रार्थना कर आशीर्वाद भी मांग लिया।

Rishi Parashara जब पाराशर के दादा महर्षि वशिष्ठ को इस बात का पता चला तो उन्होंने अपने युवा पोते पाराशर को पास बुलाया और समझाते हुए कहा-राक्षसों ने तुम्हारे परिवारजनों को मारा। अब तुम उनका वध करने की सोच बैठे हो। तुमने बदला जो लेना है…मगर। कहिए, पितामह कहिए। चुप क्यों हो गए? मैं कह रहा था- यदि तुम राक्षसों को मार देते हो तो राक्षसों के व्यवहार तथा तुम्हारे व्यवहार में क्या अंतर हुआ? शायद जरा भी नहीं…। दोनों का आचरण एक जैसा है न?

तब ऋषि Rishi Parashara पाराशर ने झुककर कहा- दादा श्री, मैं आपको वचन देता हूं कि मैं खून का बदला खून से नहीं लूंगा। यह मेरा आपको वचन है। यह बात दैत्यों के कुल गुरु महर्षि पुलस्त्य ने सुनी। वह प्रकट हुए। पाराशर को आशीर्वाद दिया। बोले-बेटा तुमने राक्षसों को क्षमा करने के लिए अपने क्रोध पर संयम किया है। यह देवोचित आचरण है। हम प्रसन्न हुए। हमारा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है। तुम धर्म शास्त्रों के महान ज्ञाता बनोगे। खूब प्रसिद्धि पाओगे। लोग तुम्हारा सम्मान करेंगे।

Rishi Parashara: पराशर ऋषि ने अपनी पुत्री से दुष्कर्म किया।

Rishi Parashara Katha पाराशर ऋषि 14 -15 वर्ष तक जंगल में साधना करने के बाद घर आने की सोची तो उसी जंगल के रास्ते से निकल रहे थे, बीच में एक दरिया पड़ती थी। दरिया को पार करने के लिए ऋषि ने धीवर से कहा कि मुझे दरिया पार करवा दो।

धीवर उस समय भोजन कर रहा था धीवर ने सोचा कि इस जंगल से जो भी ऋषि तपस्या करके निकलते हैं, वह बहुत सिद्धि युक्त होते हैं। इन्हें मना करना ठीक नहीं है इसीलिए उसने अपनी पुत्री से कहा कि जाओ पुत्री! तुम ऋषि जी को दरिया पार करवा दो। वह पुत्री Rishi Parashara पाराशर ऋषि की ही थी, जो मछली के पेट से पैदा हुई थी।

Rishi Parashara: वेद व्यास का जन्म कैसे हुआ।

Rishi Parashara को उस मछुआरे की लड़की दरिया पार कराने लगी। दोनों नोखा में बैठे थे और Rishi Parashara पाराशर ऋषि का उस लड़की को देखकर मन कामुक हो गया। उस 15 वर्ष की लड़की के सुंदर शरीर को देखकर वह आसक्त हो गए और उसे कामुक निगाहों से देखने लगे उस लड़की से जबरदस्ती करनी चाही।

  • Rishi Parashara बोले कि मैं तुम्हारे साथ सहवास करना चाहता हूं।
  • लड़की ने कहा मुनिवर आप ब्रह्म ज्ञानी हो और मैं निषाद कन्या हूं यह संभव नहीं है मैं कुंवारी हूं।
  • पाराशर ऋषि बोले- बालिके तुम चिंता मत करो। प्रसूति होने पर भी तुम कुंवारी ही रहोगी।
  • लड़की ने कहा- मेरे शरीर से दुर्गंध आती है पाराशर ऋषि ने एक पल में पूरा माहौल सुगंधित कर दिया।
  • लड़की ने फिर कहा- हमें कोई देख लेगा तो कितना बुरा लगेगा
  • तो ऋषि जी ने चारों तरफ धुआ धुआ कर दिया ताकि कोई भी उन्हें देख ना सके।
  • सिद्धि शक्ति से चारों और कोहरा हो गया और सुगंधित खुशबू हो गई लड़की के शरीर से भी दुर्गंध समाप्त कर दी।

(उस लड़की ने यह भी बताया कि मैं मछली के पेट से पैदा हुई हूं इससे Rishi Parashara पाराशर ऋषि को जान लेना चाहिए था कि उन्होंने जो बीज शक्ति भेजी थी उससे संतान अवश्य होनी थी और मछली के पेट से मनुष्य की उत्पत्ति नहीं हो सकती है इस विशिष्ट बात पर पारसर ऋषि को ध्यान देना चाहिए था)

Rishi Parashara पाराशर ऋषि ने अपनी पुत्री के साथ संभोग किया उसके पश्चात वेदव्यास जी का जन्म हुआ इन दोनों के संभोग से समय आने पर वेदव्यास जी का जन्म हुआ।

Rishi Parashara : “मछोधरी” को आगे चलकर सत्यवती के नाम से जाना जाने लगा,

समय आने पर सत्यवती के गर्भ से वेद वेदांगों में पारंगत एक पुत्र हुआ। जन्म होते ही वह बालक बड़ा हो गया और अपनी माता से बोला, ‘माता! तू जब कभी भी विपत्ति में मुझे स्मरण करेगी, मैं उपस्थित हो जाऊंगा।’ इतना कहकर वे तपस्या करने के लिए द्वैपायन द्वीप चले गए। द्वैपायन द्वीप में तपस्या करने तथा उनके शरीर का रंग काला होने के कारण उन्हें कृष्ण द्वैपायन कहा जाने लगा। आगे चलकर वेदों का भाष्य करने के कारण वे वेद व्यास के नाम से विख्यात हुए।

also Read: Kalyug Ka Ant : कलयुग के अंत में क्या होगा?

Rishi Parasara : हस्तिनापुर की कथा

बाद में सत्यवती के राजा शांतनु से चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुये। चित्रांगद के बड़े होने पर उन्हें हस्तिनापुर का राजा बनाया गया। कुछ ही समय बाद गन्धर्वों से युद्ध करते हुये चित्रांगद मारे गए। इस पर भीष्म ने उनके अनुज विचित्रवीर्य को राज्य सौंप दिया। विचित्रवीर्य अपनी दोनों रानियों के साथ भोग विलास में रत हो गये। किन्तु दोनों ही रानियों से उनकी कोई सन्तान नहीं हुई।और वे पीलिया रोग से पीड़ित होने के कारण मृत्यु को प्राप्त हो गये। तब माता सत्यवती ने अपने पहले पुत्र वेदव्यास को बुलाया जिससे धृतराष्ट्र,पांडु और विदुर का जन्म हुआ।

Nity

Recent Posts

Govinda Shot: गोविंदा को पैर में लगी गोली, अपनी ही बंदूक से हुए जख्मी, फैंस में चिंता

गोविंदा के मैनेजर शशि सिन्हा ने बताया कि अभिनेता अपनी रिवॉल्वर को केस में रख…

2 months ago

Indian Army Day in Hindi: 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है भारतीय सेना दिवस, इतिहास जाने

Indian Army Day in Hindi: 15 जनवरी का दिन भारत के लिए अहम दिन होता…

10 months ago

National Youth Day: नेशनल युवा दिवस कब और क्यों मनाया जाने लगा, जानिए इसका इतिहास।

National Youth Day: राष्ट्रीय युवा दिवस (स्वामी विवेकानंद जन्म दिवस) National Youth Day: हर वर्ष…

11 months ago

Gadi Ke Number Se Malik Ka Name गाड़ी नंबर से मालिक का नाम जानें, घर बैठे चेक करें

Gadi Ke Number Se Malik Ka Name गाड़ी नंबर से मालिक यहां से घर बैठे…

11 months ago

Kabir Saheb Nirvan Diwas: कबीर जी ने पाखंडवाद का पर्दाफाश कर, दिया प्रेम और सद्भावना का संदेश

Kabir Saheb Nirvan Divas: कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस: यह परमात्मा की ही दया है कि…

11 months ago

Makar Sankranti Hindi: कब है मकर संक्रांति?, दान करने का सही समय

Makar Sankranti Hindi: हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति त्योहार का बहुत ही ज्यादा महत्व है. इस…

11 months ago

This website uses cookies.