Sant Rampal Ji Maharaj Naam Diksha: कहते हैं गुरु स्वयं परमात्मा होते हैं और गुरु ही भगवान से मिलाने वाला माध्यम होता है आज हम आपको सच्चे गुरु की महिमा, सच्चे गुरु का प्रमाण, गुरु कैसा होना चाहिए, नामदीक्षा लेना क्या होता है? नामदीक्षा क्यो लेनी चाहिए?, किस्से नाम दीक्षा लेवे?, नाम दीक्षा का महत्व?, संत रामपाल जी महाराज विश्व गुरु? इसके बारे में बताएंगे।
Sant Rampal Ji Maharaj Naam Diksha: गुरु होना हमारे जीवन में बहुत ही सौभाग्य की बात होती है क्योंकि बचपन से लेकर बूढ़े होने तक या यूं कहें इस जीवन के पाठ को गुरु ही पढ़ाता है गुरु हमारे जीवन में अंधकार में प्रकाश का कार्य करता है। दीक्षा का विषय अत्यन्त रहस्यमय, गोपनीय, परमगूढ़ तथा विस्तृत है। सदगुरू से दीक्षा प्राप्त हो जाने पर शिष्य को दिव्य शक्ति का संचार होना प्रारम्भ हो जाता है। दीक्षा शब्द दो अक्षरों दी तथा क्षा से बना है। दी का तात्पर्य देना तथा क्षा का तात्पर्य क्षरण (नष्ट) करना होता है। दीक्षा से परम ज्ञान प्राप्त होता है तथा समस्त पापों का क्षय होता है।
एक वाणी में कहा है
गुरूर ब्रह्मा गुरूर विष्णु,
गुरु देवो महेश्वरा,
गुरु साक्षात परब्रह्म,
तस्मै श्री गुरुवे नमः
भावार्थ है गुरु ब्रह्मा विष्णु महेश यानी पारब्रह्म जो सबसे बड़ा भगवान है उनके बराबर होते हैं ऐसे गुरु को नमन करते हैं।
बचपन में हम जब शिक्षा प्राप्त करते हैं तो शिक्षा देने वाला गुरु अलग होता है उसके बाद हम कार्यक्षेत्र में जाते हैं कार्यक्षेत्र का गुरु अलग होता है इसी प्रकार आध्यात्मिक मार्ग में भगवान से मिलाने वाला गुरु सबसे अलग होता है वह स्वयं परमात्मा होते हैं।
गुरु हमेशा अपने शिष्य को जीवन की सही राह दिखाते हुए उसके लक्ष्य की प्राप्ति करवाता है।
जानते हैं कबीर साहेब जी की उस पावन वाणी का सार जो आज भी हमें सही दिशा दिखाने का काम कर रही है। –
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागू पाय।
बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय।।
कबीर साहेब जी गुरु की महत्ता बताते हुए कहते हैं गुरु के समान कोई भी हितैषी नहीं होता है। गुरु की कृपा मिल जाये तो आम आदमी भी पल भर में देवता समान बन जाता है।
गुरु गोबिंद तौ एक है, दूजा यहु आकार।
आपा मेट जीवत मरै, तौ पावै करतार।।
सद्गुरु कबीर जी कहते हैं कि गुरु और गोविंद दोनों ही एक हैं। इनका केवल आकार यानी उनकी उपाधि अलग–अलग है। जो शिष्य अपने अहंकार को मिटाकर जीवित अवस्था में सभी विषय वासनाओं को त्याग कर पूर्ण परमात्मा के सच्चे नाम की भक्ति करता है तो भगवान को अवश्य पा सकता है।
सतगुरु की महिमा अनंत, किया उपगार।
लोचन अनंत उघाड़िया, अनंत दिखावणहार।।
कबीर साहेब जी कहते हैं कि गुरु की महिमा अपार है। गुरु के द्वारा किए गए उपकारों की कोई सीमा नहीं है। उसने मेरे अनंत ज्ञान चक्षु खोल दिए हैं और इस प्रकार वे मुझे लगातार परमात्मा का साक्षात्कार कराते रहते हैं।
गुरु तो ऐसा चाहिए, शिष सों कछु न लेय।
शिष तो ऐसा चाहिए, गुरु को सब कुछ देय।।
कबीर साहेब जी कहते हैं कि गुरु को हमेशा निष्काम, निर्लोभी और संतोषी होना चाहिए। उसे शिष्य से कभी भी कुछ लेने की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए क्योंकि जहां गुरु लोभी और शिष्य से कुछ लेने की कामना करता है, वहां पर गुरुत्व की गरिमा घट जाती है. लेकिन इससे परे शिष्य को हमेशा अपने आप को गुरु को सर्वस्व समर्पण करने के लिए तैयार रहना चाहिए, तभी वह गुरु से ज्ञान की प्राप्ति कर सकता है।
गुरु जीवन में बहुत सारे आते हैं और विश्व भर में ऐसे बहुत सारे गुरु है जो शिष्यों का मार्गदर्शन करते हैं लेकिन गुरु-गुरु में भेद है? सच्चा गुरु कौन सा है? क्या आपका गुरु सच्चा है?
ऐसे कई प्रश्न हमारे दिमाग में घूमते रहते हैं इसलिए पवित्र गीता जी में जिसमे तत्वदर्शी संत के बारे में वर्णन किया गया है वहीं गुरु पूरा होता है उस गुरु की खोज करो।
परमात्मा कबीर साहिब जी ने गुरु की महिमा बताते हुए कुछ वाणियां लिखी है जिनको हम आगे बता रहे हैं इन वाक्यों को सुनकर अपने जीवन में उतार कर आप भी अपना जीवन धन्य बनाएं। यह वाणियां बहुत ही अनमोल है जो किसी भी धार्मिक कार्य को शुरू करने से पहले हम पढ़ते हैं सुनते हैं और सुनाते हैं।
जी हां दोस्तों गुरु बनाना बहुत ही जरूरी है एक वाणी में कहां है.
कबीर राम कृष्ण से कौन बड़ा, इन्हें भी गुरू किन।तीन लोक से के यह धनी, गुरु आगे आधीन।।
Sant Rampal Ji Maharaj Naam Diksha: भारतीय संस्कृति बहुत पुरातन है यह आप भी जानते होंगे। इसमें गुरु बनाने की परंपरा भी बहुत पुरानी रही है। प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में एक गुरु अवश्य बनाता है ताकि गुरु उनके जीवन को नई सकारात्मक दिशा दिखा सके। जिस पर चलकर व्यक्ति अपने जीवन को सफल व सुखमय बना सके एवं मोक्ष प्राप्त कर सके।
वेदों, श्रीमद्भगवद गीता आदि पवित्र सद्ग्रंथों में प्रमाण मिलता है कि जब-जब धर्म की हानि होती है व अधर्म की वृद्धि होती है तथा नकली संतों, महंतों और गुरुओं द्वारा भक्ति मार्ग के स्वरूप को बिगाड़ दिया गया होता है। तब परमेश्वर स्वंय आकर या अपने परम ज्ञानी संत को भेजकर सच्चे ज्ञान के द्वारा धर्म की पुनः स्थापना करते हैं और भक्ति मार्ग को शास्त्रों के अनुसार समझाकर भगवान प्राप्ति के मार्ग प्रशस्त करते हैं।
Sant Rampal Ji Maharaj Naam Diksha: हमारे शास्त्रों के अनुसार ही समय के भक्ति एवं तीन प्रकार के मंत्र जाप अपने साधकों को दिए जाते हैं जिससे सभी सुख प्राप्त होते हैं जो गुरु तीन बार में भक्ति देता है वही सतगुरु कहा जाता है और भी सतगुरु की कई पहचान है हमने अपने सद्ग्रन्थों में एवं परमात्मा प्राप्त संतों की वाणी की मदद से सच्चे सद्गुरु को ढूंढ ही लिया है तो बिना देर किए, बिना समय गवाएं हुए, संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण करवाएं। सद्भक्ति ग्रहण करके सुख प्राप्त करें और मोक्ष प्राप्त करें।
हमारे सतग्रंथो, हमारे वेदों में सच्चे संत की पहचान बताई हुई है। उस के माध्यम से हम सच्चे संत की पहचान कर सकते हैं। संत रामपाल जी महाराज सभी वेदों को ग्रंथों को खोल खोल कर बताते हैं और सच्चे गुरु की पहचान भी बताते हैं। उनके सत्संग के माध्यम से भी आप सच्चे गुरु की पहचान और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग के बारे में जान सकते हैं। संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र सच्चे सतगुरु है।
संत रामपाल जी महाराज से ऑनलाइन नाम दीक्षा लेने का तरीका
संत रामपाल जी महाराज से ऑनलाइन नाम दीक्षा लेने के लिए आपको एक फॉर्म दिया जाएगा इस फॉर्म को आप को भरना है इसमें जो जानकारी मांगी जा रही है वह जानकारी भरकर इसे सबमिट कर देना है, फिर आपके पास आपके नजदीकी नामदान सेंटर से कॉल आएगा और आपसे पूछा जाएगा कि आप संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेना चाहते हैं, अगर आप नाम दीक्षा लेना चाहते हैं तो आपको वीडियो कॉल के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा दिलवाई जाएगी।
ऑफलाइन नाम दीक्षा लेने का तरीका
ऑफलाइन नाम दीक्षा लेने के लिए आपको नंबर उपलब्ध करवाए जाते हैं या आप संत रामपाल जी महाराज का सत्संग या उनसे जुड़ी जानकारी जहां पर भी देख रहे हैं जैसे संत रामपाल जी महाराज का यूट्यूब पर सत्संग या सोशल मीडिया पर कोई उनकी फोटो, टि्वटर ट्रेंडिंग संत रामपाल जी महाराज की जानकारी तो जहां पर भी आप को उनके बारे में जानकारी मिल रही है तो आपको कोई नंबर भी वही जरूर उपलब्ध हो रहे होंगे उन नंबर पर संपर्क करके आप अपनी नजदीकी नाम दान सेंटर की जानकारी लेकर नाम दान सेंटर से संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ले सकते हैं।
अगर आप जी को कही से भी नाम दीक्षा लेने में कोई प्रॉबलम आए तो आप जी सीधे आश्रम के नंबर पर कॉल कर सकते है – +91 7496801825, +91 7496801823 या फिर Sant Rampal Ji Maharaj helpline No +91 8222880541 नंबर पर भी कॉल करके अपने नजदीकी नाम दीक्षा केंद्र जानकारी प्राप्त कर सकते है।
संत रामपाल जी महाराज से ज्ञान प्राप्त करने का तरीका
संत रामपाल जी महाराज से ज्ञान प्राप्त करने के कई तरीके हैं आजकल इंटरनेट के जमाने में हमें कहीं भी कोई भी सुविधा आसानी से उपलब्ध हो जाती है संत रामपाल जी महाराज के सत्संग आप यूट्यूब फेसबुक टि्वटर पर देख सकते हैं। वेबसाइट से संत रामपाल जी महाराज से जुड़ी सभी जानकारी आप तलाश सकते हैं। इस वेबसाइट पर आपको संत रामपाल जी महाराज के सत्संग, संत रामपाल जी से नाम दीक्षा लेने के तरीके, उनकी लिखी पुस्तकें, सभी जानकारी निशुल्क मिलेगी।
संत रामपाल जी महाराज से सीधा नाम लिखा दे सकते हैं?
संत रामपाल जी महाराज की संगत करोड़ों में है इसीलिए संत रामपाल जी महाराज जी CD के माध्यम से नाम दीक्षा देते हैं।
क्या हम ऑनलाइन नाम दीक्षा ले सकते हैं?
हां जी आप ऑनलाइन नाम दीक्षा ले सकते हैं। कोई भी ऑनलाइन नाम दीक्षा लेने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।
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नाम दीक्षा लेने के लिए कहां जाना पड़ेगा?
संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेने के लिए 7496801825 इस नंबर पर फोन करके बात करें और अपने नजदीकी नामदान सेंटर के बारे में जानकारी प्राप्त करें। हर स्टेट, हर जिले में संत रामपाल जी महाराज द्वारा बनाए गए नाम दान सेंटर बनाए गए हैं।
सच्चे गुरु की पहचान व आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। साधना चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। आज वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं। अधिक जानकारी के लिए आप पढ़ें आध्यात्मिक ज्ञान की पुस्तक ज्ञान गंगा
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