Shankaracharya Swaroopanand Death: ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Shankaracharya Swaroopanand Death) का 98 साल की आयु में रविवार को निधन हो गया। उन्होंने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में माइनर हार्ट अटैक आने के बाद दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर अंतिम सांस ली। स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था।
Shankaracharya Swaroopanand Death: शंकराचार्य लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका बेंगलुरु में इलाज चल रहा था। हाल ही में वे आश्रम लौटे थे।
शंकराचार्य के शिष्य ब्रह्म विद्यानंद ने बताया- स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को (Shankaracharya Swaroopanand Death) सोमवार को शाम 5 बजे परमहंसी गंगा आश्रम में समाधि दी जाएगी। स्वामी शंकराचार्य आजादी की लड़ाई में जेल भी गए थे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी।
Shankaracharya Swaroopanand Death: स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज (Shankaracharya Swaroopanand) करोड़ों सनातन हिन्दुओं की आस्था के ज्योति स्तंभ हैं. जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी दो मठों (द्वारका एवं ज्योतिर्मठ) के शंकराचार्य हैं. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म मध्य प्रदेश राज्य के सिवनी जिले में जबलपुर के पास दिघोरी गांव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनके माता-पिता ने इनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था.
Shankaracharya Swaroopanand Death: महज नौ साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ धर्म की यात्रा शुरू कर दी थी. इस दौरान वो उत्तरप्रदेश के काशी भी पहुंचे
यहां उन्होंने ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा ली. आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 1942 के इस दौर में वो महज 19 साल की उम्र में क्रांतिकारी साधु के रुप में प्रसिद्ध हुए थे. क्योंकि उस समय देश में अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई चल रही थी.
बता दें कि दर्शन जगतगुरु शंकराचार्य का 99वां जन्मदिन हरियाली तीज के दिन मनाया जाएगा, और इस बार भी 100वें वर्ष में प्रवेश करेंगे. इस बार आश्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य का भव्य जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. जिसमें पूर्व सीएम कमलनाथ भी शिरकत करेंगे और महाराज श्री का आशीर्वाद लेंगे. इसके अलावा राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद विवेक तन्खा और दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी है.
Shankaracharya Swaroopanand Death: 9 साल की उम्र में स्वामी जी ने अपना घर छोड़ दिया था. जिसके बाद उन्होंने भारत के प्रत्येक प्रसिद्ध तीर्थों, स्थानों और संतों के दर्शन करते हुए वे काशी पहुंचे. कम लोग ही जानते है कि स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती को आजादी के लड़ाई में वाराणसी में 9 और मध्यप्रदेश की जेल में 6 महीने की सजा भी काटी थी. इस दौरान वो करपात्री महाराज की राजनीतिक दल राम राज्य परिषद के अध्यक्ष भी थे.
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Shankaracharya Swaroopanand Death: स्वामी स्वरूपानंद ने 1950 में वे दंडी संन्यासी बनाये गए और 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली. 1950 में ज्योतिषपीठ के ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती से दण्ड-सन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से जाने जाने लगे.
Shankaracharya Swaroopanand Death: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के जन्म दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सुबह 9 बजे झोतेश्वर आएंगे. मीडिया रिपोर्ट की माने तो इसके अलावा सुरेश पचौरी, केन्द्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते, छत्तीसगढ के मंत्री रवीन्द्र चौबे, आदि जनप्रतिनिधि पहुंच रहे हैं.
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