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Vaisakhi Festival in Hindi: क्‍यों हर साल 13 अप्रैल को मनाते हैं बैसाखी, जानें बैसाखी की कहानी

Vaisakhi Festival in Hindi (बैसाखी): हिंदुओं और सिखों के द्वारा मनाया जाने वाला वैसाखी पर्व एक वसंत फसल उत्सव है जो प्रत्येक वर्ष 13 या 14 अप्रैल (ग्रेगोरियन कैलेंडर) को मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष हिन्दू कैलेंडर विक्रम संवत के प्रथम माह में यह पर्व आता है। बैसाखी को रबी फसलों के त्योहार के रूप में पूरे भारत वर्ष में मनाते है। पंजाब, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, उत्तरप्रदेश में इसका विशेष महत्व है। 

Vaisakhi Festival in Hindi: बैसाखी कब मनाते है?

Vaisakhi Festival in Hindi: सन् 1699 में बैसाखी के दिन ही सिखों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। भारत के कई राज्यों, जैसे असम में ‘बोहाग बिहू’, पश्चिम बंगाल में ‘पोइला बैसाख’, ओडिशा में ‘महा विशुबा संक्रांति’, तमिलनाडु में ‘पुथांडू’ या ‘पुथुवरुषम’, केरल में ‘विशु’ के रूप में इस दिन नव वर्ष मनाते हैं।

Vaisakhi Festival in Hindi: किसान अपनी नई फसल से लहलहाते खेतों को देख कर इस दिन भगवान को अपना धन्यवाद प्रकट करते हैैं। पाठक गण इस पर्व पर जानेंगे कि सतलोक में जहां हमेशा बैसाखी सा माहौल रहता है वहां हम पूर्णगुरु से नामदीक्षा लेकर कैसे जा सकते हैं?

Vaisakhi Festival in Hindi: वैसाखी का पर्व इस वर्ष गुरुवार, 14 अप्रैल को मनाया जाएगा। सन् 1699 में बैसाखी के दिन गुरु गोबिन्द सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। प्रमुख रूप से यह दिन हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, उत्तरप्रदेश में वैसाखी या बैसाखी के रूप में मनाया जाता है।। सुख, शांति, समृद्धि, मोक्ष चाहने वाली प्रभु प्रेमी सभी आत्माएं जाने महत्वपूर्ण संदेश।

Vaisakhi Festival in Hindi: वैसाखी या बैसाखी कब और कहाँ मनाया जाता है?

Vaisakhi Festival in Hindi (बैसाखी) 2022: वैसाखी का पर्व इस वर्ष गुरुवार, 14 अप्रैल को मनाया जाएगा। यह त्योहार प्रमुख रूप से हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, पंजाब राज्यों में वैसाखी या बैसाखी के रूप में मनाया जाता है।

साथ ही भारतवर्ष के कई राज्यों और समुदायों में यह अपने नव वर्ष और वसंत पर्वों को मनाया जाता है। पंजाब और हरियाणा भर में श्रद्धालु बैसाखी के त्योहार को गुरुद्वारों में मनाते हैं जो खालसा पंथ के स्थापना दिवस का प्रतीक है। 

Vaisakhi Festival in Hindi: महत्व


वैसाखी (बैसाखी) 2022: वैसाखी के दिन गुरु गोबिंद सिंह ने सिखों को ललकारा था, जो अपनी जान देने के लिए तैयार हैं वे आगे आएं। वहाँ एकत्रित लगभग एक हजार लोगों की भीड़ में से केवल पांच लोग ही आगे आए। गुरु गोबिंद सिंह ने उन सभी पाँच स्वयंसेवकों को “अमृत” के साथ बपतिस्मा दिया। गुरुजी ने संत-सैनिकों के पांच सदस्यीय “खालसा” नामक समूह का गठन किया। 

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How we celebrate Baisakhi : ऐसे मनाया जाता है बैसाखी का पर्व

Vaisakhi Festival in Hindi (बैसाखी) 2022:: बैसाखी पर्व को खासतौर पर पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है। बैसाखी का पर्व कई मायनों में खास है, ऐसा माना जाता है कि बैसाखी के दिन ही गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्‍थापना की थी। सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह द्वारा बैसाखी के दिन आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की नींव रखने के उपलक्ष्य में गुरुद्वारों में और सार्वजनिक उत्सवों के रूप में सिखों और हिंदुओं द्वारा बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।   

How we celebrate Baisakhi

Vaisakhi Festival in Hindi: बैसाखी का आगमन प्रकृति के परिवर्तन को दिखाता है। सूर्य का मेष राशि में प्रवेश बैसाखी का आगमन कहा जाता है। बैसाखी पर्व विशेष रुप से किसानों का पर्व होता है। भारत के उत्तरी प्रदेशों विशेष पंजाब में बैसाखी पर्व के दौरान किसानों की गेहूँ की फसल पक कर तैयार हो जाती है और इस दिन गेहूं, तिलहन, गन्ने आदि की फसल की कटाई शुरू होती है।

अपने खेतों में गेहूँ की भरी बालियां देख कर किसान फूले नहीं समाते, और भगवान को अपना धन्यवाद प्रकट करते हैैं कि हमारी मेहनत आपकी कृपा से ही रंग लाई।

Vaisakhi Festival in Hindi: सतलोक में हमेशा बैसाखी रहती है हम पूर्णगुरु अर्थात सतगुरु से सतनाम लेकर सत भक्ति करके ही सतलोक जा सकते हैं । इस बैसाखी पर हम जानेंगे कि कौन है पूर्ण गुरु और कौन है पूर्ण परमात्मा?

Vaisakhi Festival: धरती पर पर्व लोकवेद के अनुसार मनाए जाते हैं जिनका समय क्षणिक और सुख क्षणभंगुर होता है। किंतु पाठकों को यहाँ यह जानना जरूरी है कि परमपिता परमात्मा कबीर साहेब के स्थाई निवास सतलोक में बैसाखी से असंख्य गुना ज़्यादा खुशी के पर्व हमेशा बने रहते हैं और सतगुरु के माध्यम से ही हम सब लोग वहां जा सकते हैं ।

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सुख, शांति, समृद्धि, निरोगी काया और पूर्ण मोक्ष चाहने वालों के लिए महत्वपूर्ण संदेश।

 Vaisakhi Festival in Hindi: हम सभी का सौभाग्य है कि वर्तमान में पूर्ण संत धरती पर मौजूद हैं अर्थात हम उनसे नाम दीक्षा लेकर सतनाम प्राप्ति करके अपना उद्धार करवा सकते हैं। वर्तमान में वे जगतगुरु तत्वदर्शी संत कोई और नहीं, संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं जिन्होंने सभी सदग्रन्थों से प्रमाणित करके सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान शिक्षित समाज के सामने रख दिया है।

तत्वदर्शी संत कौन और कैसा होता है? | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM

आप सभी से प्रार्थना है कि पूर्ण गुरु की वास्तविक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज एप्प डाउनलोड करें, सत्संग सुनें और नाम दीक्षा लेकर भक्ति करें और सतलोक चलें।

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