Central Excise Day 2022 Date: यह दिन 24 फरवरी 1944 को स्थापित केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक एक्ट की याद में मनाया जाता है, जिसे 24 फरवरी, 1944 को पारित किया गया था।
Central Excise Day क्यों मनाया जाता है?
Central Excise Day देश में 24 फरवरी को हर साल ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस’ यानी सेंट्रल एक्साइज डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य केंद्रीय उत्पाद और कस्टम बोर्ड ऑफ इंडिया का देश के आर्थिक विकास दिए जाने वाले योगदान का सम्मान करना है।
इसके जरिए टैक्स सिस्टम के बारे में लोगों को जागरूक भी किया जाता है। 24 फरवरी 1944 को केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक कानून बनाया गया था। इसी उपलक्ष्य में सेंट्रल एक्साइज डे मनाया जाता है।
Central Excise Day इतिहास
देश के औद्योगिक विकास में केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की भूमिका काफी अहम है। इसने कर प्रणाली में सुधर कर टैक्स पेमेंट को काफी आसान बना दिया है। इसके लिए कई टेक्नॉलजी का भी सहारा लिया गया है।
Central Excise Day: ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस’ के दिन केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) की ओर से दी जा रही सेवाओं, और उनसे जुड़े अधिकारियों को सम्मानित किया जाता है। केंद्रीय सीमा शुल्क और उत्पाद बोर्ड केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत आता है और यह एक तरह का अप्रत्यक्ष कर है।
Central Excise Day: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और कस्टम बोर्ड के पास देश में कस्टम, जीएसटी, केंद्रीय एक्साइज, सर्विस टैक्स और नारकोटिक्स के प्रशासन की जिम्मेदारी होती है। यह एक तरह का अप्रत्यक्ष कर है, जो कारखानों में बनने वाले सभी तरह के उत्पादों पर लगता है। उत्पाद शुल्क विभाग 855 में ब्रिटिश हुकूमत ने बनाया था।
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(Central Excise Day) ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस’ को मनाए जाने का मुख्य लक्ष्य आम लोगों को उत्पाद शुल्क और सेवा शुल्क की अहमियत समझाना है। आज के दिन बोर्ड की ओर से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इनके जरिए लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने की कोशिशि की जाती है।
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