International Gita Jayanti Mahotsav: कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 (International Gita Jayanti Mahotsav) की प्रशासन ने तैयारियां ज़ोर-शोर के साथ शुरू कर दी हैं। कोरोना महामारी के दो साल बाद यह महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। गीता महोत्सव एक कार्यक्रम है जो भगवद गीता उपदेश की तिथि से संबंधित है, जो हिंदू कैलेंडर के मार्गशीर्ष (अगहन) महीने के शुक्ल पक्ष के 11वें दिन शुक्ल एकादशी को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवद गीता कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में कृष्ण द्वारा अर्जुन को बताई गई थी। पाठ तीसरे व्यक्ति में लिखा गया है, जिसे संजय ने राजा धृतराष्ट्र को सुनाया क्योंकि यह कृष्ण और अर्जुन के बीच हुआ था। अंधे राजा धृतराष्ट्र के लेखक संजय को उनके गुरु वेद व्यास ने युद्ध के मैदान में होने वाली घटनाओं को दूर से देखने की शक्ति दिव्य दृष्टि दी थी।
श्रीमद्भगवद्गीता आज से लगभग 5000 वर्ष पूर्व बोली गई थी । श्रीमद भगवत गीता की मूल भाषा संस्कृत है। श्रीमद भगवत गीता में 18 अध्याय है। गीता के 18 अध्याय में कुल 700 श्लोक हैं।
श्रीमद्भगवद्गीता वेदव्यास द्वारा लिखी गई। ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्मचारी चाल्र्स विलकिंस ने पहली बार 1785 में गीता का संस्कृत से अंग्रेजी में अनुवाद किया था। श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान काल ब्रह्म ने श्रीकृष्ण के शरीर में प्रेतवश प्रवेश करके बोला था।
श्रीमद्भगवद्गीता किसी विशेष व्यक्ति पर आधारित नहीं है इसमें पूर्ण मोक्ष का मार्ग है। गीता में वर्णित पूजा और साधना की विधि केवल तत्वदर्शी संत ही समझा सकता है। गीता, वेद, शास्त्र, उपनिष्द और अन्य धर्मग्रंथों को समझा रहे हैं तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
इस साल अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव (International Gita Mahotsav) 19 नवंबर से 6 दिसंबर, 2022 तक आयोजित किया जा रहा है। हालांकि गीता जयंती 3 दिसंबर 2022 को मनाई जाएगी।
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यह महोत्सव 19 नवंबर से शुरू होगा और 6 दिसंबर तक चलेगा। माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 29 नवंबर को ब्रह्म सरोवर में मुख्य कार्यक्रमों का उद्घाटन करेंगे। साथ ही 29 नवंबर को वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता सेमिनार का भी उद्घाटन करेंगी। सरस और शिल्प मेला का आयोजन भी इस गीता महोत्सव में 19 नवंबर से 6 दिसंबर 2022 तक किया जाएगा। इस दौरान ब्रह्मसरोवर तट पर प्रतिदिन भजन संध्या और गीता आरती का आयोजन होगा। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022 में अजरबैजान, इथियोपिया और वियतनाम जैसे देशों के राजदूत भी शामिल होंगे। 4 दिसंबर को 18000 छात्रों सहित ऑनलाइन दर्शकों द्वारा पवित्र गीता जी के श्लोकों का पाठ किया जाएगा।
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कुरुक्षेत्र में लड़ा गया महाभारत का युद्ध जो कि एक पारिवारिक विश्वयुद्ध था। इस युद्ध में संपूर्ण भारतवर्ष के राजाओं के अतिरिक्त बहुत से अन्य देशों के राजाओं ने भी भाग लिया और सब के सब वीरगति को प्राप्त हो गए। लाखों महिलाएं विधवा हो गईं। इस युद्ध के परिणामस्वरूप भारत से वैदिक धर्म, समाज, संस्कृति और सभ्यता का पतन हो गया। इस युद्ध के बाद से ही अखंड भारत बहुधर्मी और बहुसंस्कृति का देश बनकर खंड-खंड होता चला गया।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 (International Gita Jayanti Mahotsav) को लेकर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता शुरू की गई है। ऑनलाइन प्रतियोगिता 01 नवंबर से शुरु होकर 18 नवंबर तक चली। इस प्रतियोगिता में पवित्र ग्रंथ गीता और गीता महोत्सव से संबंधित प्रश्न पूछे गये। यह प्रतियोगिता विद्यार्थियों सहित अन्य सभी लोगों के लिए आयोजित की गई। प्रतियोगिताओं के विजेताओं को नगद इनाम देकर पुरस्कृत और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा।
International Gita Jayanti Mahotsav : यह प्रतियोगिता श्रीमद्भागवत गीता के प्रति रुचि उत्पन्न करने व जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित की गई। इसमें स्वयं भी भाग लें और अन्य को भी प्रेरित करें। विद्यार्थियों के माता-पिता भी इस क्विज में भाग ले सकते हैं। इस प्रतियोगिता में भाग लेकर विद्यार्थी न केवल अपने ज्ञान में वृद्धि का अवसर पाएँगे बल्कि जीवन की बहुत सी समस्याओं के समाधान भी पाएंगे।
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International Gita Jayanti Mahotsav : हिंदू धर्म के गुरुओं, आचार्यों, शंकराचार्यों सहित लोगों का मानना है कि श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया था। जबकि संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान श्रीकृष्ण ने नहीं दिया, बल्कि ब्रह्मा, विष्णु व शिव जी के पिता काल ब्रह्म ने श्रीकृष्ण में प्रेतवश प्रवेश होकर दिया। जिसका प्रमाण निम्न है –
उपरोक्त प्रमाणों से सिद्ध है कि श्रीकृष्ण जी ने श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान नहीं बोला, बल्कि श्रीकृष्ण के शरीर में काल (ज्योति निरंजन अर्थात् ब्रह्म) ने प्रेतवश प्रवेश होकर गीता का ज्ञान बोला था।
प्रश्न – गीता महोत्सव का नाम बदलकर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव कब किया गया?
उत्तर – गीता महोत्सव का नाम सन 2016 में बदलकर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव किया गया।
प्रश्न – अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022 कब से कब तक मनाया जाएगा?
उत्तर – अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022, 19 नवंबर से 6 दिसंबर तक मनाया जाएगा।
प्रश्न – गीता का ज्ञान किसने दिया?
उत्तर – श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान काल ब्रह्म ने दिया।
प्रश्न – अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022 कहाँ मनाया जाएगा?
उत्तर – अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022, हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ब्रह्म सरोवर नामक स्थान पर मनाया जाएगा।
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