National Youth Day: हर वर्ष 12 जनवरी को भारत में पूरे उत्साह और खुशी के साथ राष्ट्रीय युवा दिवस (युवा दिवस या स्वामी विवेकानंद जन्म दिवस) मनाया जाता है। इसे आधुनिक भारत के निर्माता स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को याद करने के लिये मनाया जाता है। राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को मनाने के लिये वर्ष 1984 में भारतीय सरकार द्वारा इसे पहली बार घोषित किया गया था। तब से (1985), पूरे देश भर में राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में इसे मनाने की शुरुआत हुई।
एक तरफ परिवर्तन अनेकों उपलब्धियां, सुविधाएं और चमत्कार लेकर सामने आ रहा है वहीं दूसरी तरफ युवा वर्ग के लिए तीव्र गति से भागने की क्षमता भी चुनौती ला रही हैं ताकि युवा वर्ग इतना सक्षम को कि वह तेजी से हो रहे परिवर्तन को आसानी से समझ सके और उसे अपना सके।
नई खोज-तकनीकों की जानकारी प्राप्त कर अपनी कार्यशैली को और ज्यादा मजबूत बना सकें। वह अपने और दूसरों के जीवन को सम्मानजनक एवं सुविधा संपन्न बना सके।
आज के युवा वर्ग का विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धा में शामिल होना आवश्यक हो गया हैं और यही प्रतिस्पर्धा एक ओर समाज को सुख शांति तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं
तो दूसरी तरफ अशांति, चिंता, निराशा, व्यसन और बेलगाम उपद्रव की ओर बढ़ रही हैं। आज का युवा बहुत ही बुरी आदतों में लिप्त होकर अपना कीमती मानव जीवन बर्बाद कर रहा हैं। और साथ में अपने परिवार व रिश्तेदारों के लिए एक चिंता का विषय बनता जा रहा हैं।
स्वामी विवेकानंद एक महान इंसान थे जो हमेशा देश की ऐतिहासिक परंपरा को बनाने और नेतृत्व करने के लिये युवा शक्ति पर विश्वास करते थे और मानते थे कि विकसित होने के लिये देश के द्वारा कुछ उन्नति की जरुरत है।
भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास 1984 से शुरू होता है। उस वर्ष, संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1985 को अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया। भारत सरकार ने इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद की जयंती, जो 12 जनवरी को होती है, को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
स्वामी विवेकानंद एक महान भारतीय आध्यात्मिक गुरु थे। वे युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत थे। उनके विचारों और आदर्शों ने युवाओं को अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया।
राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर, भारत के स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में व्याख्यान, वाद-विवाद, खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक करना है।
राष्ट्रीय युवा दिवस का उद्देश्य युवाओं को उनके देश और समाज में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना है। यह दिन युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
राष्ट्रीय युवा दिवस के कुछ महत्व निम्नलिखित हैं:
राष्ट्रीय युवा दिवस भारत के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन युवाओं को उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है।
राष्ट्रीय युवा दिवस का उद्देश्य युवाओं को उनके देश और समाज में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना है। यह दिन युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर, भारत के स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में व्याख्यान, वाद-विवाद, खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक करना है।
राष्ट्रीय युवा दिवस के कुछ महत्व निम्नलिखित हैं:
राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर युवाओं को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर युवाओं को कुछ प्रेरक बातें याद रखनी चाहिए:
स्वामी विवेकानंद के विचारों में ऐसी क्षमता है कि वो हर किसी व्यक्ति के जीवन को बदल सकते हैं। विवेकानंद के दुनिया को जीतने के हथियार शिक्षा और शांति थे। वे चाहते थे कि युवा अपने आरामदायक जीवनचर्या से बाहर निकलें और वे अपनी इच्छा के अनुसार कुछ हासिल करें। विवेकानंद ने अपने हर विचार को बुद्धि और तर्क के जरिए स्थापित किया। विवेकानंद को दर्शन, धर्म, साहित्य, वेद, पुराण, उपनिषद विलक्षण समझ थी। विवेकानंद का कहना था कि पढ़ने के लिए एकाग्रता जरूरी है और एकाग्र होने के लिए ध्यान जरूरी है। ध्यान से ही हम अपनी इंद्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं।
National Youth Day : भारत देश का युवा सही दिशा से भटक कर गलत दिशा में बिगड़ रहा हैं। हमें यह बात इसलिए बतानी पड़ रही हैं कि देश का 90% युवा बेरोजगार हैं और इस बेरोजगारी की वजह से कहीं पर रोजगार नहीं मिल तो युवा पीढ़ी ने सोशल मीडिया को ही अपना रोजगार बना लिया।
और इसमें दोष युवा पीढ़ी का भी नहीं हैं क्योंकि देश में बेरोजगारी ही इतनी बढ़ गई हैं कि कहीं रोजगार ही नहीं मिल रहा और यही वजह हैं कि युवा वर्ग ने सोशल मीडिया को ही रोजगार का अड्डा बना लिया।
भारत का युवा वर्ग सोशल मीडिया पर मुजरा करता नजर आता हैं। अश्लीलता परोसने देखा जा सकता हैं। और साथ ही अपने संस्कारों को कुल्हाड़ी से काटते नजर आते हैं। सोशल मीडिया एक रोजगार तो मिल गया लेकिन खुद का और देश का बहुत ज्यादा नुकसान कर दिया।
जागरूक होना सही हैं लेकिन इस जागरूकता की आड में समाज में गंदगी परोसना बिल्कुल गलत हैं।
वहीं एक आश्चर्यजनक तथ्य हम आपको बताने जा रहे हैं कि एक तरफ जहां युवा वर्ग इतना बिगड़ रहा हैं वहीं दूसरी तरफ युवा इतना अच्छा हो रहा हैं उसका स्वभाव बदल रहा हैं। छोटे बड़ों का आदर सत्कार करना सीख रहा हैं। सभी बुराइयों से दूर होकर एक सभ्य समाज तैयार हो रहा हैं। और यह केवल एक सच्चे संत की विचारधारा से और एक पुस्तक “जीने की राह” पढ़ने से युवा पीढ़ी में इतना बदलाव देखा जा रहा हैं।और यह पवित्र पुस्तक संत रामपाल जी महाराज जो कि हरियाणा के रहने वाले हैं उनके द्वारा लिखी गई हैं।
इस पवित्र पुस्तक को पढ़ने से लाखों लोगों ने अपना नशा छोड़ दिया। जो लोग गलत कार्य करते थे उन्होंने ईमानदारी से कमा कर खाना सीख लिया। लाखों लोग जो अपने संस्कारों को भूल गए थे वह आज इस पुस्तक को पढ़ने से ज्ञानवान बन चुके हैं।
और यह किसी ओर युग की नहीं बल्कि वर्तमान समय कलयुग की बात हो रही हैं।
National Youth Day : संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा समाज तैयार कर रहे हैं जिसमें युवा पीढ़ी भक्ति करके अपना मानव जीवन सुखी कर रही हैं। और वहीं दूसरी तरफ वर्तमान समय में हम यह भी देख रहे हैं कि आज का युवा गलत कार्य कर रहा हैं।
दिन प्रतिदिन बुराइयां बढ़ रही हैं। इस सोशल मीडिया के युग ने युवा वर्ग को गलत कार्यों की और अग्रसर कर दिया हैं। माता-पिता का आदर करना भुला दिया। बहन-बेटियों से दुराचार करना सीख दिया। चोरी डकैती करना सीखा दिया।
लेकिन इसका तात्पर्य यह बिल्कुल नहीं है कि प्रत्येक युवा अपने संस्कारों को भूल गया।
आज भी बहुत से युवाओं में अच्छे संस्कार देखे जा सकते हैं।
सरकार प्रतिवर्ष युवाओं की समस्याओं को लेके उनके मुद्दों पर व समाधान को लेके यह दिवस मानती हैं ताकि देश और विकास कर सके।
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पौष कृष्णा सप्तमी तिथि में वर्ष 1863 में 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। स्वामी विवेकानंद का जन्म दिवस हर वर्ष रामकृष्ण मिशन के केन्द्रों पर, रामकृष्ण मठ और उनकी कई शाखा केन्द्रों पर भारतीय संस्कृति और परंपरा के अनुसार मनाया जाता है।
खेल, सेमिनार, निबंध-लेखन, के लिये प्रतियोगिता, प्रस्तुतिकरण, योगासन, सम्मेलन, गायन, संगीत, व्याख्यान, स्वामी विवेकानंद पर भाषण, परेड आदि के द्वारा सभी स्कूल, कॉलेज में युवाओं के द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस (युवा दिवस या स्वामी विवेकानंद जन्म दिवस) मनाया जाता है। भारतीय युवाओं को प्रेरित करने के लिये विद्यार्थियों द्वारा स्वामी विवेकानंद के विचारों से संबंधित व्याख्यान और लेखन भी किया जाता है।
उनके आंतरिक आत्मा को प्रोत्साहन, युवाओं के बीच भरोसा, जीवन शैली, कला, शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये देश के बाहर के साथ ही पूरे भारत भर के कार्यक्रमों में भाग लिये लोगों के द्वारा विभिन्न प्रकार के दूसरे कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी होती है।
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