Prophet Muhammad story in Hindi: कादर अल्लाह की सही और सटीक जानकारी ना होने के बावजूद मुसलमान धर्म बहुत ही पाक व पवित्र हुआ करता था, वर्तमान में भी इस धर्म में काफी विकृतियाँ आ जाने के बाद भी बहुत सी अच्छाईयां देखने को मिल रहीं है मुसलमान धर्म को मानने वाले सभी नेक नियत के हुआ करते थे। मांस खाना शराब पीना मजार पूजना वर्जित था। मुसलमान धर्म में मांस खाने बकरा काटने गाय काटने की बुराई कहां से प्रवेश कर गयी उसको समझने के लिये वर्तमान में मुसलमान धर्म में तेजी से प्रवेश करती जा रही शराब पीने की बुराई पर ध्यान जरूरी है।
Prophet Muhammad story in Hindi: सब जानते है मुसलमान धर्म लगभग 1500 वर्ष पूर्व अस्तित्व में आया और इस धर्म का बहुत तेजी से विस्तार भी हुआ। वर्तमान में मुसलमान धर्म में शराब पीने का प्रचलन बहुत तेजी से बड़ रहा है जबकि सभी मुसलमान जानते है कि मुसलमान धर्म में शराब पीना हराम के तुल्य माना जाता था और आज भी माना जाता है। कालान्तर में यह परम्परा बन सकती है। और धर्म का हिस्सा भी।
Prophet Muhammad story in Hindi: ईद-उल-अज़हा अथवा ईद-उल-अद्’हा – इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक प्रमुख त्यौहार है। रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति के लगभग ७० दिनों बाद इसे मनाया जाता है। मुसलमान ईद उल फितर पर मीठी खीर बनाते है अतः इसको मीठी ईद भी कहते है कहीं कहीं इस मौके पर कुछ मुसलमान गाय की कुर्बानी देते हैं व ईद उल अजहा पर गाय भैंस या बकरे की कुर्बानी देते है। वर्तमान में भारतवर्ष में बकरीद पर बकरे की कुर्बानी का प्रचलन बड़ा है।
Prophet Muhammad story in Hindi: मुसलमान धर्म में मान्यता है कि इस दिन हजरत इब्राहीम अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी अल्लाह के आदेश से देने जा रहे थे उसके उपलक्ष्य में बकरीद मनाते हैं । इस्माइल की कुर्बानी के सम्बन्ध में विभिन्न मान्यतायें हैं फिर भी जिस तरह बकरीद पर बकरे काटने का प्रचलन जिन परिस्थितियों में शुरू हो गया था उसके सम्बन्ध में सत्य कथा संक्षेप में इस प्रकार है।
Prophet Muhammad story in Hindi: एक बार अरब देशों में अकाल पड़ गया था । लोग भूखे मरने लगे थे और उसी दौरान ईद आ गयी। ईद वाले दिन मुसलमान भाई प्रतीकात्मक रूप से गाय को काटकर इस बजह से फेंक दिया करते थे कि इस दिन उनके पैगम्बर मोहम्मद साहेब ने गाय को मार कर जीवित कर दिया था।
( गाय के मरने व जीवित होने की कथा लम्बी है बकरीद के मौके पर उस कथा को लिखना उचित प्रतीत नहीं होता कभी ईद के मौके पर मुसलमान भाईयों को अवगत करायेंगे) उसी प्रकार बकरे को अपनी सिद्ध शक्ति के प्रभाव से मारकर जीवित किया था। मोहम्मद साहेब व उनके एक लाख अस्सी हजार शिष्यों ने कभी मांस नही खाया था। सन्त गरीब दास ने अपनी वाणी में लिखा है।
नबी मुहम्मद नमस्कार है, राम रसूल कहाया,
1लाख 80 को सौगंध जिन नहीं करद चलाया।
अरस कुरस पर अल्लह तख्त है खालिक बिन नहीं खाली,
वे पैगंबर पाक़ पुरुष थे, साहिब के अब्दाली।।
गरीबदासजी बताते हैं कि नबी मुहम्मद जी परमात्मा की बहुत नेक आत्मा थी। उन्होंने कभी मांस नहीं खाया, न अपने 1,80,000 शिष्यों को खाने को कहा।
Prophet Muhammad story in Hindi: अकाल पड़ने पर जब लोग भूखे मरने लगे तो उनके मौलवियों ने यह कहकर आदेश दे दिये कि हम जो मोहम्मद साहेब की याद मे कलमा पड़कर गाय काटकर फेंक देते है उसको हम खा सकते है। उनके अनुसार गाय कलमा पड़ने से पवित्र हो गयी।इस तरह जब गाय खाना शुरू किया तो उसी दौरान बकरीद आ गयी और बकरीद पर बकरा काट कर खाना प्रारम्भ कर दिया।
Prophet Muhammad story in Hindi: मुसलमान भाइयों से अनुरोध है इस लेख को पढकर उत्तेजित ना हों। अपनी किताबों में प्रमाण ढूंढे़ व स्वस्थ चिन्तन करें। उस कादर अल्लाह को पहचाने जिसने छः दिन में सृष्टि रची और सातवें दिन तख्त पर जा विराजा। और विचार करें क्या जीव हत्या उचित है। मोहम्मद साहेब ने गाय या बकरे को अपनी सिद्ध शक्ति से मारकर जिन्दा कर दिया था लेकिन बिल्कुल नहीं मारा था। ना खाया था आप जी मार भी रहे हो और खा भी रहे हो। हजरत इब्राहिम की घटना को आपजी बकरीद से जोड़ रहे हो वह संयोग हो सकता है पर सत्य घटना मोहम्मद साहेब के जीवन से जुड़ी इसी प्रकार है
जरा विचार करो यदि मांस खाने से उस अल्लाह की प्राप्ति होती, तो सबसे पहले मांसाहारी जानवरों को होती, जो केवल मांस ही खाते हैं। मांस खाकर आप अल्लाह के बनाए विधान को तोड़कर अल्लाह के दोषी बन रहे हो। ऐसा करने वाले को अल्लाह के विधान के तहत घोर दण्ड मिलता है। कबीर साहेब कहते है
जीव हनै हिंसा करे, प्रकट पाप सिर होय।
निगम पुनि ऐसे पाप ते, भिस्त गया ना कोय।
जीव हिंसा करने से पाप ही लगता है। ऐसा महापाप करके भिस्त (स्वर्ग) कोई नहीं गया। तो फिर हे भोले मानव ऐसा महापाप क्यों करता है।
Prophet Muhammad story in Hindi: एक तरफ तो आप अल्लाह की इबादत करते हो, और दूसरी तरफ आप बेजुबान निर्दोष जानवरों की हत्या कर उनका मांस खाते हो। सभी जीव जिसे आप अल्लाह हू कबीर (अल्लाह हू अकबर) के नाम से पुकारते हो उसी अल्लाह की प्यारी आत्मा है, तो फिर मांस खाने से उस अल्लाह कबीर ( अपभ्रन्श नाम अकबर, किबरू, कबीरन, कबीरू) की प्राप्ति कैसे होगी?
Prophet Muhammad story in Hindi: मोहम्मद की अपनी अन्तिम शिच्क्षाओं से स्पष्ट है कि मोहम्मद साहेब ने खून खराबा ना करना व ब्याज ना खाने पर जोर दिया है। मुसलमान धर्म में यदि कुछ एक मामलों को छोड़ दें तो आज भी ब्याज ना लेने का कड़ाई से पालन किया जाता है। लेकिन मांस खाने पर सभी एकमत है। कुर्बानी पर सभी एकमत है। मोहम्मद साहेब ने बुराईयों को कुर्बान करने की बात कही पर उल्टे मोहम्मद साहेब की शिच्क्षाओं का अर्थ का अनर्थ कर लिया। कबीर साहेब कहते हैं
रोजा बंग नमाज दई रे बिस्मिल की नहीं बात कही रे
जीव को उलझाये रखने के लिये मोहम्मद साहेब को जो आदेश 21 ब्रहाण्ड के अल्लाह जो कि समर्थ अल्लाह नहीं है के प्राप्त हुये है उसमे भी कहीं भी बिस्मिल का आदेश नहीं है सिर्फ रोजा बंग व नमाज का आदेश है। उस समर्थ अल्लाह कबीर की साधना बताने वाला कोई तत्वदर्शी सन्त होता है जिसे कडि़हार, गर्क या अन्य नामों से भाषा विशेष के अन्दर जानते है जो सभी धर्मो के शास्त्रों का जानकार होता है। वर्तमान में पूरी पृथ्वी पर वो कड़िहार सन्त रामपाल जी महाराज के अतिरिक्त कोई नहीं है।
Prophet Muhammad story in Hindi: समर्थ अल्लाह साकार है और उसका नाम कबीर है जिसके बारे में मुसलमान अनभिज्ञ है। जो पृथ्वी पर बार बार अपनी अच्छी आत्माओं से मिलने आते है। वही समर्थ अल्लाह कबीर अब्राहीम अधम सुल्तान को मिले थे और वही समर्थ अल्लाह तैमूर लंग को मिले थे। वही समर्थ अल्लाह मोहम्मद साहेब को मिले थे वही समर्थ अल्लाह अपना ज्ञान देने काशी में आये और एक लीला करके चले गये। उन्हीं कबीर को पहचाने बिना कुरान का ज्ञान स्पष्ट नहीं हो पायेगा।
उन कबीर अल्लाह की प्यारी आत्मा सन्त गरीबदास ने कहा कि दोनों धर्म, दया भाव रखो। मेरा वचन मानो कि सूअर तथा गाय में एक ही बोलनहार है यानि एक ही जीव है। न गाय खाओ, न सूअर खाओ।
दोनूं दीन दया करौ, मानौं बचन हमार।
गरीबदास गऊ सूर में, एकै बोलन हार।।
Prophet Muhammad story in Hindi: अल्लाह ने मनुष्य को शाकाहारी भोजन खाने के आदेश दिये हैं और यदि कोई आदेश अल्लाह के नाम से किसी फरिश्ते का है भी तो वो अल्लाह का आदेश नहीं हो सकता, अगर अल्लाह का आदेश होता तो मोहम्मद साहेब ने मांस खाया होता जीव हत्या की होती। मोहम्मद साहेब द्वारा कोई वचन पूरा करने के लिये बकरे को मारकर जिन्दा कर देना व उसकी याद में उस दिन बकरे काटने व खाने से आपजी ना तो मोहम्मद साहेब की शिच्क्षाओं को मान रहे हो और अल्लाह के विधान के दोषी हो रहे हो।
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