संत रामपाल जी ( Sant Rampal ji Maharaj ) हरियाणा के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर जॉब करे थे परमात्मा मिलने के बाद उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा दिया जो कि सन 2000 में हरियाणा सरकार ने स्वीकार किया।
आर्य समाज की एक पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश को टीवी चैनल पर वह अखबारों के माध्यम से एक्सपोज करने के बाद संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व में जाने जाने लगे।
संत रामपाल जी महाराज (Sant Rampal ji Maharaj) ने सन 2009 में विश्व के प्रसिद्ध धर्म गुरुओं को आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा के लिए आमंत्रित किया तथा उनसे कहा कि अगर आप जी के पास मानव समाज के लिए सत भक्ति शास्त्र प्रमाणित है तो आप जी ज्ञान चर्चा करें हम आपकी सर्व बातों को समाज के सामने रखेंगे
अगर आप जी का ज्ञान शास्त्र प्रमाणित नहीं है तो आप शास्त्र विरुद्ध कर्मकांड पूजा पाठ में करवाएं क्योंकि मनुष्य जीवन 8400000 योनियों भोगने के बाद एक बार मिलता है इसको ऐसे बर्बाद नहीं करें इसके बाद साधना चैनल की मदद से सभी धर्म गुरुओं के इंटरव्यू लिए गए
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उन सभी को साधना चैनल पर लाइव टेलीकास्ट किया गया साथ में संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग ओं का प्रसारण भी लाइव टेलीकास्ट किया गया इससे श्रोताओं के सामने दूध का दूध और पानी का पानी हो गया संत रामपाल जी महाराज ने सभी धर्म गुरुओं को ज्ञान में परास्त कर दिया।
संत रामपाल जी महाराज (Sant Rampal ji Maharaj) पहले बाबा श्याम जी तथा सालासर बालाजी की पूजा पाठ करते थे संत रामपाल जी महाराज चुरू जिले में स्थित सालासर बालाजी के पैदल जाते थे उनकी बचपन से ही भगवान में श्रद्धा अटूट थी, उसके बाद संत रामपाल जी महाराज स्वामी जी रामदेवानंद जी गुरु महाराज की शरण में आ गए और कबीर साहिब जी की भक्ति शुरू कर दी.
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संत रामपाल जी महाराज के 2021 में लगभग करोड़ों की संख्या में फॉलोअर है संत रामपाल जी (Sant Rampal ji Maharaj) ने चारों धर्मों के शास्त्रों का ज्ञान लिया तथा उन्होंने कबीर साहिब जी को पूर्ण परमात्मा सिद्ध किया।
संत रामपाल जी महाराज ने 17 फरवरी 1988 को पूज्य श्री स्वामी रामदेवानंद गुरु महाराज जी से नाम दीक्षा ली
एक समय कुछ भक्तों को नाम दिलवाने के लिए संत रामपाल जी महाराज ( Sant Rampal ji Maharaj ) अपने गुरुदेव जी के पास उनको लेकर गए साथ में भक्त महेंद्र दास भी थे सत्संग चल रहा था गुरु जी के आस पास बहुत सारे भगत बैठे थे, मेरे गुरुदेव उनमें से किसी की फरियाद सुन रहे थे हम सब भक्तों पीछे बैठे थे
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एक सेवादार के माध्यम से पहले की तरह नए भक्तों को नाम दिलाने का निवेदन किया भगत की बात सुनकर गुरुदेव जी ने हमारी और कृपा दृष्टि की हम सब ने गुरुदेव जी को दंडवत प्रणाम किया, तभी अचानक गुरुदेव जी सैकड़ों भक्तों की उपस्थिति में दास को नाम देने का आदेश दिया। कहा कि आज के बाद तू नाम दिया करेगा। उस दिन से संत रामपाल जी महाराज ( Sant rampal ji Maharaj ) पूरे विश्व को नाम दीक्षा दे रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज को 1 मार्च सन 1997 को दिन के 10:00 बजे कबीर साहिब जी मिले।
संत रामपाल जी महाराज ( Sant rampal ji Maharaj ) के सुबह से लेकर शाम तक करीब नो चैनलों पर सत्संग प्रवचन प्रसारित होते हैं।
इन सबके अलावा आप संत रामपाल जी महाराज ( Sant rampal ji Maharaj ) के मंगल प्रवचन यूट्यूब चैनल संत रामपाल जी पर 24 घंटे सुन सकते हैं।
संत रामपाल जी महाराज ( Sant rampal ji Maharaj ) का सोशल मीडिया पर जमकर प्रचार हो रहा है उनके शिष्य बताते हैं कि संत रामपाल जी महाराज सभी सदस्यों से प्रमाणित ज्ञान जन जन तक पहुंचा रहे हैं और उनके प्रचार का कार्य उनके शिष्य फेसबुक टि्वटर यूट्यूब इंस्टाग्राम आदि बड़े-बड़े प्लेटफार्म पर ट्रेंडिंग करके कर रहे हैं।
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