Who is Real Guru: विश्व में अनेकों गुरु आपको मिलेंगे लेकिन एक सच्चा गुरु/सतगुरु/तत्वदर्शी संत का मिलना सुदुर्लभ है। लेकिन सभी धर्मों के पवित्र सदग्रंथो तथा मोक्ष प्राप्त महान संतो की वाणियों ने हमारे लिए उस परम संत की पहचान करना आसान कर दिया है।
प्रथम गुरू है पिता अरु माता।
जो है रक्त बीज के दाता॥
दुजा गुरू है भाई व दाई।
जो गर्भवास की मैल छुड़ाई॥
तिजा गुरू नाम जो धारा।
सोई नाम से जगत पुकारा॥
चौथा गुरु जो शिक्षा दिन्हा।
तब संसार मार्ग चिन्हा॥
पांचवा गुरू जो दीक्षा दिन्हा।
राम कृष्ण का सुमिरन दिन्हा॥
छठवां गुरू भरम सब तोड़ा।
ॐकार से नाता जोड़ा॥
सातवां गुरू सतगुरु कहाया।
जांहा का जीव ताहां पठाया
उपरोक्त वाणी में कबीर साहेब जी ने सात गुरुओं का उल्लेख किया है। जिसमें चौथे गुरु तक का ज्ञान हम सभी को है। कबीर जी ने उन्हें पांचवां गुरु बताया है जो यहीं के देवी देवताओं(ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी) की पूजा तक सीमित रहते हैं, जो नाशवान है।
छठे गुरु के बारे में कहा है कि वे मात्र ब्रह्म/काल (जिसका मंत्र ॐ है)तक की जानकारी रखते हैं तथा हमे ब्रह्म की साधना बताते हैं। (Who is Real Guru)
फिर सातवां गुरु बताया है जो वास्तव में सतगुरु /सच्चा गुरु /तत्वदर्शी संत होता है। ये वो होते हैं जो हम सभी जीवों को अपने निज धाम (जहां से हम आए हैं) की जानकारी देकर वहां जाने की भक्ति विधि प्रदान करते हैं तथा परमअक्षरब्रह्म की भक्ति बताते हैं।
महान संतों की कुछ वाणियां जिसमें सतगुरु के लक्षणों का पता चलता है –
“गरीब, सतगुरु के लक्षण कहूं, मधुरे बैन बिनोद।
चार वेद छह शास्त्र, वो कहे अट्ठारह बोध।।”
भावार्थ : – संत गरीबदास जी बताते हैं कि जो सच्चा गुरु होता है वह चारों वेदों, सभी शास्त्रों और अट्ठारह पुराणों की जानकारी रखते हैं और उन शास्त्रों के अनुसार ही भक्ति प्रदान करते हैं।(Who is Real Guru)
“कबीर, गुरू के लक्षण चार बखाना। प्रथम वेद शास्त्र को ज्ञाना।।
दूजे हरि भक्ति मन कर्म बानी। तीसरे समदृष्टि कर जानी।।
चौथे वेद विधि सब कर्मा। यह चार गुरु गुण जानो मर्मा।।”
भावार्थ:- जो तत्त्वदर्शी सन्त/ सतगुरु होगा उसमें चार मुख्य गुण होते हैं:
पहला वह वेदों तथा अन्य सभी ग्रन्थों का पूर्ण ज्ञानी होता है।
दूसरा वह परमात्मा की भक्ति मन-कर्म-वचन से स्वयं भी करता हैं एवं अपने शिष्यों से करवाते हैं। उसकी करनी और कथनी में अन्तर नहीं होता।
तीसरा वह सर्व अनुयाईयों को समान दृष्टि से देखता है। ऊँच-नीच का भेद नहीं करता।
चौथे वह सर्व भक्ति कर्म वेदों के अनुसार करते तथा करवाते है अर्थात् शास्त्रानुकूल भक्ति साधना बताते हैं ।
श्रीमदभगवद्गीता अध्याय 15 श्लोक 1-4 में संसार रूपी वृक्ष की अधूरी जानकारी बता कर कहा गया है, कि जो पुरुष उस वृक्ष को मूल सहित तत्व से जानता है वह वेदों से परिचित है अर्थात तत्वदर्शी संत है।
आज तक उस वृक्ष का जिक्र किसी संत-महंत, आचार्य या मंडलेश्वर ने विस्तार से नहीं किया। केवल कबीर साहेब और वर्तमान में उन्हीं के अवतार संत रामपाल जी महाराज ने ही इस वृक्ष के प्रत्येक अंग को विस्तार से बताया है।
कहा है कि –
अक्षर पुरुष एक पेड़ है, क्षर पुरुष वा की डार।
तीनों देवा शाखा है, भई पात रूप संसार।। (Who is Real Guru)
तथा गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में ”ॐ तत् सत्” ऐसे तीन प्रकार का सच्चिदानंदघन ब्रह्म का नाम कहा है। जो कुरान शरीफ सूरत फुर्कान 42 आयत नं.1 में “ऐन -सीन -कॉफ” लिखा हुआ है।
जो इन सांकेतिक मंत्रो की सम्पूर्ण जानकारी रखता हो,वही तत्वदर्शी अर्थात पूर्ण संत है।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही तीन प्रकार के मंत्र तीन बार में देते हैं।(जिसका सांकेतिक शब्द ‘ॐ तत् सत्’ है)
सोए गुरु पूरा कहावे, जो दो अक्खर का भेद बतावे।
एक छुड़ावे एक लखावे, तो प्राणी निज घर को जावे।।
भावार्थ :- गुरुनानक जी के अनुसार वही सच्चा और पूरा गुरु होगा जो दो मन्त्रों का जाप बताते हैं। जिसमें एक मंत्र काल ब्रह्म के लोक से छुटकारा दिलाता है और दूसरा उस सचखंड को लखाता (दिखाता अर्थात प्राप्त करवाता है) (Who is Real Guru)
कबीर, डंब करै डूंगर चढ़ै, अन्तर झिनी झूल।
जग जाने भक्ति करै, ये बोवै शूल बबूल।।
कबीर, कंठी माला सुमरणी, पहरे से क्या हो।
बाहर ढूंढा साध का, अन्तर राख्या खोह।।
कबीर,कंठी माला सुमरणी, सबे सिलसिला मेट।
कन फूका गुरूआ मिले,जों जम मारी फेंट।।
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निष्कर्ष – जो गुरु शास्त्रों में लिखे अनुसार भक्ति विधि बताए वो सच्चा और तत्वदृष्टा हैं। जो देवी देवताओं की ही भक्ति शास्त्र विरुद्ध करवाते हैं वे सच्चे गुरु नहीं हैं।
Who is Real Guru: वर्तमान समय में पूरे विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं। जो सभी धर्म ग्रंथो से प्रमाणित भक्ति बता रहे हैं और उस भक्ति को करने से उनके अनुयायियों को अनेकों अद्भुत लाभ भी प्राप्त हो रहे हैं। (Who is Real Guru)
कोई भी अपने मन में संत रामपाल जी महाराज के जेल में होने का भ्रम ना पालें। जेल में राम प्रवृत्ति के लोग भी जाते है रावण प्रवृत्ति के लोग भी। त्रिलोकी भगवान राम की पत्नी सीता रावण की कैद में रहीं। श्रीकृष्ण भगवान जेल में पैदा हुये। खुद तो जेल से निकल गये पर अपने माता पिता को कई वर्षों बाद छुड़ाया। ईसा मसीह के साथ जो अत्याचार हुआ जग जाहिर है। (Who is Real Guru)
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Who is Real Guru: मोहम्मद साहेब को मक्का से मदीना भागना पड़ा। बाद में इन्ही की शिक्षाओं पर चलकर ईसाई व मुसलमान धर्म बने। भारत की स्वतंत्रता के लिए में जेल जाने वाले महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू व अन्य सभी क्या देशद्रोही थे? भगतसिंह आदि अनेकों फांसी पर झूलने वाले सभी क्या आतंकवादी थे?
Who is Real Guru: परतन्त्र भारत में अंग्रेजो द्वारा जुल्म कर झूठे केसों के आधार पर थोड़ा सा बहाना बनाकर अनगिनत सेनानियों को जेलों में ठूंसा गया क्या वे सब चोर लुटेरे व्यभिचारी थे? नहीं!
ऐसे ही आज संत रामपाल जी महाराज के साथ अत्याचार हो रहा है। लेकिन वे कहते हैं कि- ‘चाहे फांसी तुड़वा दो परमात्मा का ज्ञान पूरे विश्व में पहुंचा कर छोड़ूंगा।’
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