Fathers Day: नमस्कार दोस्तों आज हम बहुत ही खास दिन के बारे में चर्चा करेंगे ऐसा खास दिन जो हर बेटे के लिए स्पेशल होता है फादर्स डे। पूरे परिवार की जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर मुस्कुराहट के साथ सहेज कर उम्र भर एक परिवार का भरण पोषण करने वाले पिता को सलाम।
Fathers Day: फादर्स डे पर आज हम जानेंगे कि हमारे जीवन में एक स्पेशल व्यक्तित्व रहता है जो हमारे दिए उम्र भर काम आता है
जब तक हम बड़े नहीं हो जाते तब तक वह बेल के जैसे मेहनत करके कमाता है और हमारी परवरिश में कोई कमी नहीं रह जाए इसलिए वह दिन रात एक कर के कमाता है। फादर्स डे बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस होता है जिनके पिता होते हैं।
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Fathers Day की शुरुआत 20 जून 1910 से मनाया जाने लगा। 20 जून 1910 को वाशिंगटन में फादर्स डे के तौर पर घोषित किया गया लेकिन 1 मई 1972 को फादर्स डे के मौके पर राष्ट्रीय छुट्टी का ऐलान किया गया पहला आधिकारिक फादर्स डे का कार्यक्रम 18 जून 1972 को मनाया गया। धीरे-धीरे यह सभी देशों में मनाया जाने लगा। भारत मे यह 20 जून को मनाया जाता है।
Fathers Day: इस बार फादर्स डे (Fathers Day) पर हमारी टीम है पिता को वह हर सुख मिले जो उसने अपने जीवन के सबसे बेहतरीन पलों को मेहनत के पिटारे में डालकर आप की परवरिश में लगा दिए हमारे पिता को भी हमें सुख पूर्वक पल देने चाहिए उनकी हर ख्वाहिशों को पूरा करना चाहिए उनकी हर जरूरतों को पूरा करना।
एक समझदार इंसान जो बड़ा हो जाता है अपने पैरों पर खड़ा हो जाता है उसकी जिम्मेदारी बनती है कि अपने पिता कि वह देखरेख करें उनकी जरूरतों को समझें और उनके बिना कहे वह सब जरूरतों को पूरा करें, जीवन में पिता का बहुत महत्व होता है अक्सर हमने अपने जीवन में देखा है कि बच्चे अपने पिता से भी अधिक प्यार करते हैं।
जिस तरीके से हम मदर्स डे मनाते हैं उसी तरीके से हमें फादर्स डे मनाना होता है शायद यह प्रकृति का ही कोई बदलाव है जो पिता को अपनी बेटियां बहुत पसंद आती है और मां को बेटे।
देखने में यह भी आया है कि जिनके पिता वृद्ध हो जाते हैं उनकी बेटियां अपने पिता की सेवा उनकी देखभाल के लिए शादी तक नहीं करती, आप कारण जानना चाहोगे दोस्तों कुछ हद तक ऐसे कारण बन जाते हैं कि बेटे अपने जीवन में व्यस्त हो जाते हैं अपने गिरस्ती में उलझ जाते हैं तब बेटी अपने पिता को बहुत प्यार देती है और उनकी देखभाल बहुत ही सहज रूप में करती है।
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फादर्स डे पर जानिए हमारे पिता का संघर्ष दिन भर मेहनत करके कार्य करने के बाद जब रात्रि में घर की ओर लौटते हैं तब उनके दिमाग में बस यही बातें घूमती है कि बच्चों के लिए क्या लेकर जाऊं पत्नी के लिए क्या लेकर जाऊं अपनी जेब को संभालते हैं कितने पैसे बचे हैं कुछ सामान अपने बच्चों के लिए ही ले जाता हूं जो पिता अपने बच्चों के लिए कुछ नहीं कर तो वह अपनी जीवन को धिक्कार देता है।
हमारे पिता बहुत मेहनत करते हैं और हम से आशा बना लेते हैं कि मेरा बेटा बड़ा होगा और मुझे आराम मिलेगा जीवन की भाग दौड़ में अपने पिता के साथ प्यार प्रेम बनाए रखें वह बहुत सी आशा आपके साथ लगाए हुए।
उनका क्या जिनके पिता नशा करते हैं।
हमने उन पिता के बारे में भी लिखी हैं जो नशे में गिर चुके हैं हम किसी की आत्मा को ठेस नहीं पहुंचा रहे लेकिन उनको यह बात याद दिला रहे हैं कि आपके बच्चे आपको याद करते हैं आपको चाहिए कि आप अपने परिवार को समय दें आप अपने बच्चों को समय दें उनके लिए भी आप कुछ ना कुछ लेकर जाएं जब आप नशा करके आते हो तो बच्चे डर जाते हैं कि पिताजी हमारे अभी आएंगे और मां को मारेंगे और हमें भी मारेंगे।
संघर्ष भरे जीवन में बस एक सहारा थे मेरे पापा।
बस एक ही सहारा था,
जिसके वजह से दुनिया में जीना सीखा और वो मेरा पापा था..!!
बाजार में सब कुछ मिलता है,
बस माँ बाप का प्यार नहीं मिलता..!!
शौंक तो पिता की कमाई से पूरे होते हैं,
अपनी कमाई से तो बस गुज़ारे होते है..!!
मुफ्त में सिर्फ माँ-बाप का प्यार मिलता है,
इसके बाद दुनिया में हर रिश्ते के लिए कुछ न कुछ चुकाना पड़ता है,
स्वर्ग माँ के कदमो में है और पिता वास्तव में स्वर्ग का रक्षक है..!!
नशा बहुत गलत चीज है और आप अपना नशा संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर फ्री में छुड़वा सकते हैं।
जिस घर में पिता ही नशा करता हूं उस घर में Fathers Day कैसे मनाया जाएगा आप स्वयं निर्णय ले सकते।
जिनके बच्चे नशा करने लगे, गलत संगत में फंस गए।
बहुत ही गलत होता है जब पिता अपने बच्चों के प्यार को तरसता है, वह मन ही मन यह सोचता है कि मेरे बच्चे मेरी बात नहीं मानते, मेरा कहा नहीं सुनते, आखिर ऐसा क्यों हो जाता है कि हमें शिक्षा दिलाने के लिए हमारे पिता ने अपने लिए पैरों में चप्पल तक नहीं डाली और आज हम इतने विद्वान बन गए शिक्षा पढ़ाई लिखाई पूरी करके नशे में ग्रस्त हो गए वह पिता क्या सोचता है कि मैंने इतनी मेहनत करके अपने बच्चों को यह दिन देखने के लिए पढ़ाया था
जिनके बेटे नशा करते हैं उनसे आज ही हम रिक्वेस्ट करते हैं कि आप भी अपना नशा छोड़ दें पिता का साथ दें बुजुर्ग पिता को प्यार दे उन्होंने अपने जीवन का सब कुछ आपके जीवन पर न्योछावर कर दिया है आज उनको बच्चों के प्यार की कमी खलक रही है।
Fathers Day फादर्स डे के निबंध में हम आज आपको बताएंगे कि हमारे असली पिता कौन हैं जो हमारी इतनी गलतियों के बाद भी हमें माफ कर रहे हैं और हमें अपने घर वापस ले जाने के लिए यहां आए हुए हैं।
दोस्तों हम हमारे परम पिता परमात्मा हमारे असली पिता के बारे में बात कर रहे हैं जिनका सहारा मनुष्य को मिलने के बाद किसी और की उंगली थामने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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किसी भी व्यक्ति को किसी का सहारा नहीं होता असली सहारा भगवान ही होता है अगर आप यहां पर आशा लगा कर के बैठे हो कि हमारे बेटे हमें सुख देंगे हमारे पिता हमारे लिए यह करेंगे यह सब मन के पुलाव हैं।
जब आप किसी तत्वदर्शी संत की शरण में जाकर के सत भक्ति प्राप्त कर लेते हो उस दिन के बाद आपके पूरे परिवार में खुशियां ही खुशियां आ जाएगी वर्तमान में तत्वदर्शी संत सिर्फ एक हैं जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज उनसे नाम दीक्षा लेकर अपना जीवन का कल्याण करवाएं.
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