International brothers day दोस्तों आज हम आपको इंटरनेशनल ब्रदर्स डे पर जानकारी देंगे कि भारत में या फिर यूं कहे है कि इंटरनेशनल स्तर पर एक परिवार में दो भाइयों की क्या इज्जत होती है कैसे उनका रहना होता है क्या उनके बीच में प्यार होता है।
International brothers day ब्रदर्स डे की शुरुआत 2005 में अमेरिका से हुई। जो अब पूरे विश्व में मनाया जाने लगा है।
International brothers dayआम भाषा में बताया जाता है कि बचपन से लेकर जवानी तक दो भाइयों के बीच इतना गहरा अटूट प्यार होता है कि अगर छोटे भाई को कोई कुछ कह दे तो बड़ा भाई उसको मारने को लग जाए, दोस्तों दो भाइयों के बीच में इतना गहरा प्यार होता है
बड़ा भाई अपने छोटे भाई को कभी दुखी नहीं देख सकता और छोटा भाई कभी भी अपने बड़े भाई को दुखी नहीं देख सकता। हर संभव किसी भी प्रकार की कोई मदद करनी हो तो दोनों एक दूसरे की मदद के लिए तत्पर रहते हैं।
आज हम आपको एक ऐसे परिवार की कहानी सुनाते हैं जिससे आपको पता चलेगा कि भाइयों के बीच का प्यार कैसा होता है और कब तक वह प्यार कायम रहता है, यह स्टोरी राजस्थान के एक कस्बे की है जहां पर चार भाई का परिवार है,
सबसे बड़ा भाई जो घर परिवार की जिम्मेदारी के कारण अपनी पढ़ाई छोड़ चुका होता है और वह बहुत ही नरम दिल का है उसने अपने छोटे तीनो भाई के लिए बहुत मेहनत की इनकी मां बीमार होने के कारण घर का काम भी इन्हीं को करना होता था।
बचपन में जिम्मेदारी का अहसास होने के कारण भाई ने 13 साल की उम्र में काम करना शुरू कर दिया और एक बनिया की दुकान पर वह काम करता था।
International Brothers Day: आपको बता दें कि यह कहानी स्वयं लेखक के परिवार की थी इसमें लिख खुद बता रहा है कि हफ्ते में काम करने के बाद जब रविवार का दिन आता था तो वह भाई अपने छोटे भाइयों के कपड़े तक धोता था घर का काम करता था और भाइयों को बड़े प्यार से रखता था।
कभी-कभी गुस्से में मार देना भी जायज था लेकिन मारने के बाद अपने छोटे भाइयों को मनाना भी बड़े भाई को आता था।
International Brothers Day: एक समय सबसे छोटे भाई ने हार्डवेयर का काम करना सीखा तो बड़ा भाई दोपहर का खाना पहुंचाने अपने छोटे भाई के पास जाता था उसको अच्छा नहीं लगता था कि मेरा छोटा भाई इतनी धूप में, गर्मी में या काम कर रहा है लेकिन छोटे भाई की जिद के कारण वह काम कर रहा था।
कुछ कारण ऐसे बने, उस परिवार में सबसे बड़े भाई को अलग होना पड़ा और मैं प्यार धीरे धीरे कम होता गया लेकिन जब बड़ा भाई अलग हो रहा था तो छोटे भाई ने भी उसकी मजबूरी को समझा कि परिस्थिति ही ऐसी है कि उसको अलग होना पड़ेगा।
समय बीतता गया और बड़े भाई ने सबसे छोटे भाई के लिए डायरी में एक बात लिखी कि
भाई तू आगे बढ़ कर हमेशा नाम कमाएं मेरे दिल से यही तमन्ना है – तुम्हारा भाई ललित।
दोस्तों परिस्थिति चाहे कैसी भी हो लेकिन मेरा मानना है कि हमें कभी भी परिस्थितियों को लेकर के अपने रिश्तो में तकरार पैदा नहीं करनी चाहिए समय चला जाता है, लेकिन कुछ बातें जो दिल को झकझोर देती है जिनके कारण रिश्ते टूट जाते हैं हमें ऐसा नहीं करना चाहिए।
दोस्तों भाई दिवस पर आपको यह हमारी कहानी कैसी लगी इसके बारे में कमेंट करके जरूर बताएं।
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