Rabindranath Tagore Jayanti: भारत के गौरव Rabindranath Tagore एक ऐसे इंसान जिसने उस बुलंदी को छुआ है जो आसान नहीं होती. नोबेल प्राइस विनर सबसे बड़ा सम्मान और जो समय भारत के तरफ से कोई इंसान नहीं था कोई छवि नहीं थी उस वक्त इन्होंने भारत का नाम ऊंचा किया, जी हां हम बात कर रहे हैं रविंद्र नाथ टैगोर Rabindranath Tagore Jayanti की दोस्तों आज भारत के उस महान व्यक्ति का जन्मदिन है. जिन्होंने एक नहीं बल्कि अन्य चीजों में महारत हासिल किया तो चलिए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें, उन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है।
Rabindranath Tagore Jayanti: जन्म कहा हुआ था.
रविंद्र नाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था. रविंद्र नाथ अपने माता-पिता की 13 वीं संतान थे। रविंद्र नाथ को बचपन में प्यार से रवि बुलाया जाता था। 8 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी पहली कविता लिखी और 16 साल की उम्र में कहानियां व नाटक लिखना शुरू कर दिया था।
Rabindranath Tagore Jayanti: आमतौर पर बीसवीं शताब्दी के शुरुआती दौर में भारत के उत्कृष्ट रचनात्मक कलाकार के रूप में भी माना जाता हैं। रविंद्र नाथ टैगोर एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति रहे हैं। सन 1913 में विश्व साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले एकमात्र पहले यूरोपियन व्यक्ति रविंद्र नाथ टैगोर थे। रविंद्र नाथ टैगोर एक ऐसे कवि हैं जिनकी रचनाओं को 2 देशों ने अपना राष्ट्रगान बनाया। जानकारी के लिए बता दें कि बांग्लादेश के राष्ट्रगान के रचयिता भी रविंद्र नाथ टैगोर ही हैं।
Rabindranath Tagore Jayanti: टैगोर ने देशभक्ति गीत भी लिखे। रविंद्र नाथ टैगोर भारतीय स्वतंत्रता के लिए प्रेरणा स्रोत रहे। उन्होंने देश भक्ति के लिए कुछ काम लिखे थे। इस तरह के कार्यों के लिए जनता के बीच में बहुत प्यार मिला, यहां तक कि महात्मा गांधी ने भी उनके इन कार्यों के लिए बहुत सराहना की थी।
Rabindranath Tagore Jayanti: सामान्य परिचय , माता-पिता, पत्नी कौन?
Rabindranath Tagore के माता-पिता की बात की जाए तो उनके पिता का नाम देवेंद्र तथा माता का नाम शारदा देवी था। रविंद्र नाथ टैगोर का जिस परिवार में जन्म वह संयुक्त परिवार था। बड़ा परिवार होने के कारण उनके घर में नौकर चाकर भी काम किया करते थे। रविंद्र नाथ टैगोर के बड़े भाई भी थे जो देश के पहले भारतीय थे जिनको यूरोपियन इंडियन सिविल सर्विस के लिए पहली बार चुना गया।
Rabindranath Tagore
Rabindranath Tagore Jayanti: इनके एक और बड़े भाई थे जिनका नाम ज्योतिरिंद्रनाथ टैगोर था। जिनका एक म्यूजिक सेंटर था। यह बातें इसलिए बताना जरूरी हैं क्योंकि उनके यहां कोई ना कोई बहुत पढ़ा लिखा कलाकार और महान इंसान रहा होगा। रविंद्र नाथ टैगोर की एक बहन भी थी जिसका नाम स्वर्णकुमारी था।
Rabindranath Tagore Jayanti: रवींद्र नाथ टेगोर के बार मोदी जी ने क्या कहा
नरेंद्र मोदी ने कहा :- मैंने कोई स्थान पर पढ़ा था कि खिलौनों के संबंध में गुरूदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने कहा था कि सर्वश्रेष्ठ खिलौना वही होता हैं जो अधूरा हो। ऐसा खिलौना जो अधूरा हो और बच्चे मिलकर खेल-खेल में उस अधूरे खिलौने को पूरा करें। गुरूदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने कहा था कि जब वह छोटे थे तो खुद ही अपनी कल्पना से घर में उपस्थित सामानों से अपने दोस्तों के साथ मिलकर स्वयं ही अपने खेल और खिलौने बना लेते थे। लेकिन जब बचपन में एक दिन उनके उन मौज मस्ती भरे पलों में बड़ों का दखल अंदाज हो गया और उनका एक साथ ही एक बड़ा और बहुत ही सुंदर विदेशी खिलौना लेकर आ गया। खिलौने को देख कर इतराते हुए, अब उनके सभी साथियों का ध्यान खिलौनों के खेल से ज्यादा उन खिलौनों पर हो गया।
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Rabindranath Tagore Jayanti अब हर किसी के आकर्षण का केंद्र खेल नहीं बल्कि खिलौना बन गया। जो बच्चा कल तक सबके साथ मिलजुल कर खेला करता था। सब के साथ घुल मिल जाता था। खेल में पूरी तरह डूब जाता था। वह बच्चा अब दूर रहने लगा। एक तरह से बाकी बच्चों से भेद-भाव का भाव उसके मन में बैठ गया। खिलौने बनाने और सीखने के लिए कुछ नहीं था यानी एक आकर्षक खिलौने ने एक बच्चे को कहीं दबा छुपा दिया। धन संपत्ति का जरा बड़प्पन प्रदर्शन उस खिलौने ने कहीं एक बच्चे को मुरझा दिया था।
Rabindranath Tagore Jayanti: उस बच्चे की गतिविधियों को बढ़ने से रोक दिया। खिलौना आ तो गया था पर खेल खत्म हो गया था। बच्चे का खिलौना भी हो गया इसलिए गुरूदेव रविंद्र नाथ टैगोर कहते थे कि खिलौने ऐसे होने चाहिए जो बच्चे को बचपन से बाहर आए उसकी गतिविधियों को सामने लाए। बच्चों के जीवन के अलग-अलग पहलू पर खिलौनों का जो प्रभाव पड़ता हैं। इस बात पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने बहुत ध्यान दिया हैं। खेल-खेल में सीखना और खिलौने बनाना सीखना, खिलौने जहां पर बनते हैं वहां पर विजिट होना इन सब को करिकुलम का हिस्सा बनाया गया हैं।
Rabindranath Tagore Jayanti : भारत के उस महान इंसान के बारे में बात करने जा रहा हूं जिन्होंने “लिटरेचर सॉन्ग कोयल ड्रामा पेंटिंग” और भी न जाने कितनी चीजों में महारत हासिल की और वह नाम हैं रविंद्र नाथ टैगोर। रविंद्र नाथ टैगोर एक ऐसे महान इंसान रहे हैं जिन्होंने कोई एक काम नहीं बल्कि अपने पूरे जीवन में न जाने कितने ही बेहतरीन काम किए हैं। रविन्द्र नाथ टैगोर केवल एक ऐसे नॉन यूरोपियन व्यक्ति हैं जिन्हें अंग्रेजों ने भी लिटरेचर में सम्मानित किया हैं
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भारतीय राष्ट्रगान जन-गण-मन के बारे में तो पूरा देश जानता हैं लेकिन आज के इस वीडियो में मैं आपको उन्हीं के बेहतरीन कामों के बारे में बताऊंगा जो उन्होंने बहुत मेहनत करके अपने जीवन में किए हैं। साथ ही साथ उनके जीवन के बारे मैं शुरुआती दौर से लेकर अंतिम दौर तक बताऊंगा।
दोस्तों आज बात कुछ ऐसी हैं कि रविंद्र नाथ टैगोर का जन्म एक बहुत बड़े परिवार में हुआ था। उनके परिवार में जितने भी लोग हैं उनमें से कोई ना कोई क्लासिकल म्यूजिशियंस हैं तो कोई ना कोई प्लेयर रहा हैं। और इसी वजह से उनके घर में सब पढ़े लिखे और महान लोग थे।
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Rabindranath Tagore Jayanti: रविंद्र नाथ टैगोर Quotes
मृत्यु प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है, ये सिर्फ भोर होने पर ज्योति को बुझाना है।
कलाकार प्रकृति का प्रेमी है अत: वह उसका नौकर भी है और राजा भी है।
केवल खड़े होकर पानी को ताकते रहने से आप नदी को पार नहीं कर सकते हो
प्यार अधिकार का दावा नहीं करता बल्कि यह आजादी देता है
हम दुनिया में तब जीते हैं जब हम इस दुनिया से प्रेम करते हैं.
यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच बाहर रह जायेगा.
जब हम विनम्र होते हैं, तब हम महानता के सबसे करीब होते हैं.