Republic Day Hindi: भारत में 26 जनवरी को प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है। इस खास दिन पर भारत एक संप्रभु गणराज्य बन गया। इस खास दिन को और भी अधिक खास करने के हर साल गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, और हर भारतवासी मे देशभक्ति सराबोर हेता है। लेकिन कुछ समय से कोविड-19 के संक्रमण के को देखते हुए आवश्यक सभी सावधानियां बरती जा रही हैं। बता दें कि साल 1950 में इस दिन भारत सरकार अधिनियम (1935) की जगह भारत का संविधान लागू हुआ था। चूंकि गणतंत्र दिवस बस आने को है तो क्यों ना एक बार फिर से इस ऐतिहासिक दिन के इतिहास और महत्व की यादों को ताजा करते हैं-
Republic Day Hindi: भारत ने 15 अगस्त 1947 को एक संवैधानिक राजतंत्र के रूप में अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की। हालांकि, फिर भारत के पास एक स्थायी संविधान नहीं था। इसके बजाय, इसके कानून औपनिवेशिक भारत सरकार अधिनियम 1935 पर आधारित थे। इसलिए, 29 अगस्त, 1947 को एक स्थायी मसौदा तैयार करने के लिए मसौदा समिति की नियुक्ति के लिए एक प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसमें डॉ बीआर अंबेडकर चेयरमैन नियुक्मत किए गए। संविधान को बनाने में करीबन 2 साल 11 महीने 18 दिन का वक्त लगा। जिसके बाद, 26 नवंबर 1949 को समिति ने संविधान सभापति को सौंपा। लेकिन देश में इसे आधिकारिक तौर पर दो महीने बाद लागू किया गया था। दरअसल, लाहौर कांग्रेस अधिवेशन में पहली बार पूर्ण गणराज्य का प्रस्ताव पेश किया गया था। साथ ही साथ 26 जनवरी 1930 का दिन पूरे राष्ट्र में प्रथम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का निश्चय भी किया गया। इस लिहाज से 26 जनवरी की तारीख बेहद खास थी और इसकी महत्ता को आने वाली पीढ़ी भी याद रखे, इसके लिए 26 जनवरी के दिन संविधान लागू किया गया। 26 जनवरी 1950 को देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया। साथ ही साथ, 26 जनवरी, 1950 को, डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भारतीय संघ के अध्यक्ष के रूप में अपना पहला कार्यकाल शुरू किया।
Republic Day Hindi: गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि 26 जनवरी 1950 को पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगा कर बनाया गया संविधान लागू किया गया था और हमारे देश भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया।
वेसे तो हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेज़ों के चंगुल से आज़ाद हो गया था परंतु इस आज़ादी को रूप 26 जनवरी को दिया गया। तब से अब तक हम इस दिवस को आज़ादी के दिन के रूप मे मनाते है आज हमे आज़ादी मिले हुए पूरे 73 साल हो चुके है
हमारे देश की आज़ादी किसी भी एक व्यक्ति के कारण नहीं हुई हमारे देश की आज़ादी बहुत सारे भगत सिंह, महात्मा गांधी आदि जैसे महान पुरूषो के बलिदान का परिणाम है। देश भक्त अपने देश को गुलामी की ज़नज़ीरो से बंधा ना देख सके अपने देश को आज़ाद कराने के लिए उन्होने अपने प्राण तक त्याग दिये उनके बलिदानों के कारण अंग्रेज़ों को अपने घुटने टेकने पड़े और उन्होने भारत को आज़ाद कर दिया।
गणतंत्र दिवस के दिन हम इन महान पुरुषों के बलिदान को याद करत और प्रेरणा लेते है कि हम भी इन्ही महान पुरुषों की तरह अपने देश के लिए अपने प्राण त्याग देंगे उसकी आन मान और शान की रक्षा के लिए हर समय तय्यार रहेंगे और दोबारा कभी अपने देश को गुलामी की ज़नज़ीरो में बंधने नहीं देंगे हम सब को इन देश भक्तो से प्रेरणा लेनी चाहिए और देश की हिफाज़त के लिए तय्यार रहना चाहिए। े है गणतंत्र दिवस को मनाने का एक उद्देश्यकि हम महान पुरुषों के बलिदान को याद करके उनसे प्रेरणा लेते है।
प्रत्येक भारत वासियों को भारत के शहीदों से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने देश को ऊँचायो तक पहुंचाने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए और हर भारतीय का कर्तव्य बनता है कि वह देश के विकास के लिए अपना पूरा योगदान दे और देश की रक्षा के लिए हर समय खड़ा रहे।
देश में गणतंत्र दिवस का दिन बेहद ही खास तरीके से मनाया जाता है। इस दिन, राष्ट्रपति राजपथ, नई दिल्ली में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। जिसके बाद भारत की रक्षा क्षमता, सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को प्रदर्शित करने वाली परेड होती है। साथ ही, हर साल राष्ट्रपति भारत के नागरिकों को पद्म पुरस्कार वितरित करते हैं, यह भारत रत्न के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है।
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पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के पुराना किला से देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पहली बार तिरंगा झंडा फहराया था। उनके ध्वजारोहण करने के बाद परेड की शुरुआत हुई। सबसे पहले तोपों की सलामी दी गई। तोपों की आवाज से पूरा किला गूंज उठा था।
Republic Day Hindi: राष्ट्रपति डाॅ. राजेंद्र प्रसाद के अलावा गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी मौजूद थे। वहीं आखिरी ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन की जगह गवर्नर-जनरल का पद पर तैनात सी राजगोपालाचारी भी पहले गणतंत्र दिवस का हिस्सा बने थे।
Republic Day Hindi: हर साल राजपथ से भव्य परेड निकाली जाती है जो लाल किले तक जाती है, लेकिन 1950 की गणतंत्र दिवस परेड अब की तुलना में इतनी भव्य नहीं थी। हालांकि आजाद भारत के लिए पहली गणतंत्र दिवस की परेड किसी ऐतिहासिक दृश्य से कम भी नहीं थी। पहली गणतंत्र दिवस परेड ब्रिटिश स्टेडियम में हुई थी। जिसकी एक झलक के लिए कनॉट प्लेस पर लोग एकत्र हुए थे। इस परेड में थल, वायु और जल सेनाओं की कुछ टुकड़ियां शामिल हुई थीं। उस दिन न तो किसी तरह की झांकियां निकाली गई थी और ना ही हवाई करतब दिखाने वाले जहाज में जेट शामिल थें। हालांकि भारत के पास डकोटा और स्पिटफायर जैसे छोटे विमान जरूर थे।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि धारा 377 के तहत समलैंगिक विवाह (अर्थात लड़का, लड़के से और लड़की, लड़की से) कर सकते हैं। क्या सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश भारतीय संस्कृति और सभ्यता के लिए घातक नहीं है? क्या ये सरेआम जजों की मनमानी नहीं है? लेकिन इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। क्योंकि, कानून और संविधान के रक्षक ही इसके भक्षक बन गए हैं।Republic Day
इसलिए सभी देशवासियों से हमारी प्रार्थना है कि सावधान हो जाइये। भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, दहेज प्रथा, नशा आदि कुरीतियों और बुराइयों को जो सन्त जड़ से उखाड़ कर फेंक रहे थे, उन्हीं गुरु को भारत सरकार ने देशद्रोही और हत्यारा बना दिया। धिक्कार है ऐसी सरकार को और कोटि कोटि प्रणाम है ऐसे सन्त को जो उपरोक्त कुरीतियों और बुराइयों को जड़ से उखाड़ रहे हैं। उन गुरु का नाम सतगुरु रामपाल जी महाराज ही है। जो काम सरकार नहीं कर पाई, वो काम सन्त रामपाल जी ने कर दिखाया। (Republic Day Hindi) सरकार दहेज प्रथा, भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, नशा आदि को रोकने का केवल दिखावा ही करती रही लेकिन सतगुरु रामपाल जी महाराज बड़ी ही आसानी से अपने अद्भुत आध्यात्मिक ज्ञान के आधार से ये कर दिखाया।
Republic Day Hindi: देश में ना जाने कितनी बेटियों को दहेज के लिए सताया जाता है और उन्हें यातनाएं दी जाती हैं। लेकिन सतगुरु रामपाल जी महाराज ने लाखों दहेज मुक्त शादियां करके समाज को संदेश दिया है कि वास्तव में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का सपना सरकार नहीं, बल्कि सतगुरु रामपाल जी महाराज जी ही साकार कर सकते हैं।
आज हमारे देश का बहुत बड़ा युवा वर्ग नशे का आदि है। लेकिन लेकिन सतगुरु रामपाल जी महाराज की शरण में आकर लाखों लोग पूर्ण रूप से नशा (शराब, तंबाकू, चरस, गांजा, मांस आदि) त्याग चुके हैं। सरकार नशाबंदी के नाम पर केवल दिखावा ही करती रही। लेकिन सतगुरु रामपाल जी महाराज ने अपने अद्भुत आध्यात्मिक ज्ञान से लाखों लोगों और परिवारों की नशे से आज़ादी दिला दी। वास्तव में “नशामुक्त भारत” का सपना सतगुरु रामपाल जी ही साकार कर रहे हैं।
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वास्तव में सच्चाई यही है कि सतगुरु रामपाल जी एक अद्भुत गुरु तो हैं ही जो पूरे विश्व को सत्य ज्ञान व सत भक्ति बता रहे हैं, साथ ही वह एक ऐसे समाज सुधारक भी हैं जिसकी इस देश को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को भी जरूरत है।
Republic Day Hindi: संविधान के रक्षक और समाज सुधारक की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सतगुरु रामपाल जी महाराज के सत्संग प्रतिदिन राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय
स्तर के TV चैनलों पर भी आते हैं जिनकी जानकारी निम्नलिखित है:
नेपाल चेनल पर सुबह 06:00 से 07:00 तक
साधना चैनल पर रात्रि 07:30 से 08:30 तक
ईश्वर TV पर रात्रि 08:30 से 09:30 तक
MH One Shraddha tv पर दोपहर 02:00 बजे से 3:00 बजे तक।
उपरोक्त TV चैनलों पर प्रतिदिन सतगुरु रामपाल जी महाराज का सत्संग आता है। तो आइए इस गणतंत्र दिवस (republic day) पर हम सभी यह प्रण करें कि हम देश के रक्षक, देश के संविधान के रक्षक और समाज सुधारक सतगुरु रामपाल जी महाराज के सत्संग सुनकर समाज में एक नई जागरूकता लाएंगे। पाखण्डवाद, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, दहेज प्रथा, नशा आदि कुरीतियों और बुराइयों को जड़ से मिटाएंगे ताकि हमारा देश एक बार फिर से सोने की चिड़िया बन सके और विश्वगुरु बन सके।
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