Satlok Ashram Barwala News: वर्तमान में कोरोना वायरस के मौजूदा हालातों को देखते हुए संत रामपाल जी महाराज के सतलोक आश्रम ने हरियाणा सरकार को प्रस्ताव दिया हैं कि उनके बरवाला के दो आश्रम जो वर्षों से सील किए हैं उनमें काफी जगह है और कई सुविधाएं भी उपलब्ध हैं जिन्हें कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता हैं। इसलिए वर्तमान मौजूदा स्थितियों को देखते हुए इन दोनों आश्रमों को खोला जाए और यहां कोरोना मरीजों का इलाज किया जाये।
कमेटी ने निर्णय लिया है कि बड़े आश्रम में 1000 बेड और छोटे आश्रम में 250 बेड का कोरोना सेंटर बनाना चाहते हैं।
Satlok Ashram Barwala News: क्या-क्या सुविधाएं मौजूद हैं सतलोक आश्रम में?
रोहतक: सतलोक आश्रम मैनेजमेंट कमेटी की शनिवार को बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता मास्टर रामकुमार ढाका ने की और बताया कि कमेटी ने फैसला लिया हैं कि बरवाला में उनके दो आश्रम बंद पड़े हैं दोनों ही आश्रम पूर्ण सुख सुविधाओं से लैस हैं। बड़े आश्रम में लगभग 300 बाथरूम, 15 कमरे और 8 बड़े होल हैं।
खाने के लिए किचन हैं जिसमें एक साथ 20 हजार लोगों को खाना खिला सकते हैं।
इसके साथ एक बड़ा पंडाल भी मौजूद हैं जिसमें 50000 श्रद्धालु एक साथ सत्संग सुन सकते हैं। और जो दूसरा आश्रम हैं उसमें 8 कमरें, चार बड़े हॉल और एक बड़ा पंडाल हैं।
रामकुमार ढाका ने बताया कि कमेटी ने हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया हैं कि उन्हें जब तक कोरोना का संकट है तब तक उनके बंद पड़े दोनों आश्रम में कोरोना महामारी से निपटने के लिए अस्थाई कोरोना सेंटर बनाने की मंजूरी दी जाए। कमेटी ने निर्णय लिया हैं कि बड़े आश्रम में 1000 बेड का और छोटे आश्रम में 250 बेड का कोविड-19 सेंटर बनाना चाहते हैं।
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वर्षों पहले सील किए गए उनके आश्रम खोले जाए, यहाँ हजारों कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बहुत जगह मौजूद हैं
Satlok Ashram Barwala News: वर्तमान में कोरोना हालातों को देखते हुए संत रामपाल जी महाराज की सतलोक आश्रम कमेटी ने हरियाणा सरकार को प्रस्ताव दिया है कि उनके बरवाला में दो आश्रम हैं, जो वर्षों से सील पड़े हैं उनमें बहुत जगह हैं और कई सुविधाएं भी मौजूद हैं जिन्हें कोरोना मरीजों के इलाज हेतु इस्तेमाल किया जा सकता हैं।
इसलिए वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इन दोनों आश्रम को खोला जाए और यहां कोरोना मरीजों का इलाज किए जाने की उन्हें इजाजत दी जाए।
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Satlok Ashram Barwala News: सतलोक आश्रम को कोविड केयर बनाया
Satlok Ashram Barwala News: सतलोक आश्रम की मैनेजमेंट कमेटी ने रामकुमार कुमा ढाका की अध्यक्षता में इस विषय पर बैठक कर यह निर्णय लिया गया कि इस समय उन्हें सरकार की मदद करनी चाहिए और सरकार के हाथ मजबूत करने चाहिए और बताया है कि बरवाला (हिसार) में उनके दो आश्रम हैं जो 2014 की घटना के बाद दर्ज हुई एफ. आई. आर. के तहत बंद पड़े हैं। इनमें से एक आश्रम 12 एकड़ और दूसरा ढाई एकड़ में है, जहां 300 टॉयलेट्स, 15 कमरे और 8 बड़े हॉल हैं एक बड़ा विशाल भोजन गृह है, जहां 20 हजार लोग एक साथ खाना खा सकते हैं। इसलिए इन दोनों आश्रमों को कोविड हस्पताल में बदले जाने का कमेटी ने सरकार से आग्रह किया है।
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रामकुमार ढाका ने बताया कि बड़े आश्रम में 1000 और छोटे आश्रम में 250 कोविड बेड लगाए जा सकते हैं। अगर उन्हें सरकार इसकी इजाजत देती हैं तो इन दोनों आश्रमों को कोविड-सेंटर बनाने और यहां इलाज के लिए ऑक्सीजन, दवाएं और अन्य जरूरी मशीनों का जो भी खर्च होगा वह सतलोक आश्रम ही वहन करेगा और यह शपथ पत्र भी देने को तैयार हैं। और जैसे ही स्थिति सामान्य हो जाएगी तो वह दोनों आश्रम सरकार को वापस सौंप देंगे।
क्या है संत रामपाल जी का मूल उद्देश्य?
Satlok Ashram Barwala News: असली जगतगुरु संत रामपाल जी
Satlok Ashram Barwala News: संत रामपाल जी ही जगतगुरु हैं ,जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त करते हैं। वे वही तत्वदर्शी सन्त भी हैं जिनके विषय में पवित्र गीता जी में बताया गया है। वे विश्वविजेता संत भी हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा में निरुत्तर किया है। वे धरती पर अवतार भी हैं वे स्वयं कबीर परमेश्वर जी के अवतार हैं। वे जगत के सभी दु:खों एवं जन्म मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले/तारने वाले तारणहार भी हैं।
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Satlok Ashram Barwala News: संत रामपाल जी का मूल उद्देश्य
Satlok Ashram Barwala News: अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य क्या है? संत रामपाल जी का उद्देश्य है कि सभी मानव, एक सर्वोच्च ईश्वर (Supreme God) कबीर जी की पूजा करें और हमारे मूल निवास सतलोक (सचखंड, अनन्त) की ओर वापस लौटें। सर्वोच्च ईश्वर कबीर जी की उपासना करने वाला कोई भी व्यक्ति आध्यात्मिक नेता (Spiritual Leader) जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उनकी जाति, पंथ, रंग, आस्था या धर्म से बेपरवाह होकर नाम (दीक्षा) ले सकता है क्योंकि ईश्वर ने प्रत्येक मानव को समान बनाया है।