Updated 27 dec | 4:00 pm
कलयुग का अंत (Kalyug Ka Ant): आइए जानते हैं हम इस बारे में विस्तार से…
(Kalyug Ka Ant): नमस्कार दोस्तों आइए आज हम जानेंगे कि कलयुग के कितने चरण अभी तक बीत चुके हैं? वर्तमान में कलयुग कितना बीत चुका है? कैसे होगा कलयुग का मानव? कैसे कलयुग में सतयुग आएगा? और कल्कि अवतार कब आएंगे? कैसे होगा इस कलयुग का अंत? कलयुग के बाद क्या होगा? सभी जानकारी विस्तार से जानते हैं।
विशेष :- बता दें, अभी कलयुग की बिचली पीढ़ी चल रही है। भविष्यवाणियों के अनुसार, इस बिचली पीढ़ी में एक अनोखी शक्ति सामने आएगी। इस सख्ती से सभी मनुष्य धीरे धीरे परिचित हो जाएंगे। शक्ति का दुनिया बहुत विरोध करेगी लेकिन यह शक्ति पूरी दुनिया पर काबू पा लेगी। यह सभी का नेतृत्व करेगी और इस कलयुग के घोर अंधकार में उजाला लाएगी।
एक भक्ति में माहौल होगा, पुण्य आत्माएं भक्ति करेंगे। लोगों में काफी सुधार होगा स्वच्छ माहौल होगा। यह स्वच्छ माहौल 1000 वर्षों तक चलेगा। कलयुग के घोर अंधकार का बोलबाला हो जाएगा। सन 1997 से वर्तमान तक कलयुग की बिचली पीढ़ी चल रही है। यानी कलयुग का दूसरा चरण का समय चल रहा है इस समय करीब कलयुग के 5505 वर्ष बीत चुके हैं इसे बिचली पीढ़ी कहा गया है।
कुछ वर्षों में परमेश्वर कबीर जी के ज्ञान का डंका पूरे विश्व में बजेगा यानि कबीर जी के ज्ञान का बोलबाला होगा, अरबों- खरबों जीव सतलोक जाएंगे। यह भक्ति युग एक हजार वर्ष तक तो निर्बाध चलेगा, उसके पश्चात् दो लाख वर्ष तक भक्ति में 50 प्रतिशत आस्था व्यक्तियों में रहेगी, भक्ति मंत्र यही रहेंगे। उस समय केवल 30% व्यक्ति ही भक्ति में लगन रखेंगे भक्ति किया करेंगे यहां तक यानी 336500 वर्ष तक कलयुग का दूसरा चरण ही चलेगा।
कहते हैं कि कलियुग में पाप अपने चरम पर होगा। वर्तमान में कलयुग चल रहा है। सुना है कि कलयुग में पाप चरम पर होगा। वर्तमान में कलयुग चल रहा है लेकिन कलयुग का समय टोटल बहुत ही अधिक है। सतयुग द्वापर त्रेता इन तीनों युगो मिलाकर कलयुग का समय होता है।(Kalyug Ka Ant) कई ग्रंथों में कलयुग के बारे में वर्णन किया गया है।
Kalyug Ka Ant: किस युग में क्या-क्या होगा, कब कहां पर प्रलय होगी। ग्रन्थों में लिखा है कि जब पहले होगी। तब हरि कीर्तन करने वाले परमेश्वर की भक्ति करने वाले लोग बच जाएंगे। बुरे लोग सभी पहले में मर जाएंगे पौराणिक ग्रंथों के अनुसार चार युग होते हैं सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग।
पुराणों में बताया है कि जो व्यक्ति या समाज ससत्रविरुद्ध आचरण कर धार्मिक एकता को खंडित करेगा, उसका आने वाले समय में सपूर्ण नाश हो जाएगा। बहुत दुख पाएगा।
कलियुग के अंत (Kalyug Ka Ant) इंसान का शरीर घटकर बोना हो जाएगा। बहुत ही काम hight रह जाएगी।
कलियुग के अंत (Kalyug Ka Ant) में उस समय भयंकर तूफान और भूकंप चला करेंगे। कभी भूकंप, कभी तूफान तो कभी बाढ़। इस तरह की समस्याएं आती रहेगी। लोग मकानों में नहीं रह सकेंगे। वह जमीन में गड्ढा खोद खोद कर रहा करेंगे। जमीन का तीन चार हाथ तब 3-4 फुट तक धरती का उपजाऊ अंश समाप्त हो जाएगा।
सभी समाप्त हो जायेगा तब पृथ्वी पर 100 फुट तक तक पानी हो जाएगा। धीरे-धीरे पानी सूखने लगेगा। पृथ्वी पर पेड़ लगेंगे फिर वापस जमीन उपजाऊ होगी। कलयुग के अंत में फिर वापस सतयुग की शुरुआत होगी। एक नई शुरुआत होगी। पानी के कारण धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा और पुनः शुरुआत होगी।
चार युगों का वर्णन (सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग)
Kalyug Ka Ant: सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग में ऋषि-महर्षि, प्रसिद्ध सिद्ध तथा देवताओं की पदवी प्राप्त किया करते हैं। उनकी किए गए भक्ति कर्मों के अनुसार उनका अच्छा जन्म होता है और वह सुखी रहते हैं। प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं सचिव के व्यक्ति ब्रह्मा तक की ही भक्ति करते हैं लेकिन उनके पुराने संचित कर्म होते हैं जिसके कारण हमें सिद्धियां होती है।
घोर कलयुग में मनुष्य विषय वासनाओं में अधिक उलझा रह जाएगा। भक्ति जब तक सब मनुष्य की घटिया सोच में डूब जाएंगे। स्त्रियां व्यभिचारिणी हो जाएगी। जिस व्यक्ति के पास अधिक धन होगा। उसी के पास स्त्री रहा करेंगे। गरीब व्यक्ति तो कुंवारा ही मर जाएगा। प्यार प्रेम कुछ नहीं होगा।
केवल धन, ऐसो आराम और विषय वास्तव में लिप्त लोग होंगे। भगवान को तो जैसे भूल ही जाएंगे। चोरी, नशा करना, लूट मारपीट, मनुष्य इसी तरह के अपराधों में लिप्त हो जाएगा। भक्ति तो दूर-दूर भी नहीं होगी।
Kalyug Ka Ant: कलियुग में लोग शास्त्रों से विमुख हो जाएंगे। अनैतिक साहित्य ही लोगों की पसंद हो जाएगा। गाली गलौज करना आम बात हो जाएगा गंदी फिल्में लोग खुलेआम देखा करेंगे। बच्चे भी गलत संगत में रहेंगे। बुरी बातें और बुरे शब्दों का ही व्यवहार किया जाएगा।
स्त्री और पुरुष दोनों ही निर्लज हो जाएंगी। पति और पत्नी दोनों ही अपने रिश्ते में ईमानदार नहीं रहेंगे। व्यभिचारी होना आम बात हो जाएगा। लोग धीरे-धीरे शादी करना भी पसंद नहीं करेंगे। बिना शादी के ही साथ रहा करेंगे। जब तक मन होगा साथ रहेंगे और फिर कोई और पसंद आ जाएगा तो उसके साथ रहने लग जाएंगे।
पिता-पुत्र, माता पिता, पति-पत्नी, भाई बहन किसी भी तरह के रिश्ते में कोई प्यार प्रेम नहीं रहेगा। रिश्ते सिर्फ मतलबी हो जाएंगे। अपनी प्रशंसा के लिए लोग बड़ी-बड़ी बातें बनायेंगे किन्तु समाज में उनकी निन्दा नहीं होगी। उस समय सारा जगत् म्लेच्छ हो जाएगा- इसमें संशय नहीं। लूटमार करना आम बात हो जाएगी। लोग पाप करने से डरेंगे ही नहीं।
पाप और पुण्य इस बारे में सोचने के लिए कोई भी मनुष्य इतनी अच्छी सोच का नहीं होगा।
कलियुग के 5,0000 साल बाद हमारी गंगा नदी उल्टी बहने लगेगी और वापस बैकुंठ लौट जाएगी। माना जाता है कि कलयुग के 10,0000 साल बाद सभी देवी-देवता भी पृथ्वी का पवित्र स्थान छोड़कर अपने देव लोक जाने लगेंगे। पृथ्वी पर नरक जैसा माहौल हो जाएगा।
सन 1997 में कलयुग 5505 बीत चुका है अब कलयुग के 55 से 5 से 1000 वर्ष तक पुनः सत्ययुग जैसा वातावरण, आपसी प्रेम का माहौल बनेगा। फिर से फलदार वृक्ष तथा छायादार वृक्ष लगाएगे। फैक्ट्रियां धुँआ रहित होंगी। फिर बंद हो जाऐंगी।
लोग हाथ से बने कपड़े पहनेंगे। मिट्टी या स्टील के बर्तन प्रयोग करेंगे जो छोटे कारखानों में मानव चालित यंत्रों से तैयार होंगे जो मानव संचालित अहरण की तरह चलेंगे। सब मानव मिलकर पूरी पृथ्वी को उपजाऊ बनाने में एकजुट होकर कार्य करेंगे। कोई अमीर इंसान अहंकारी नहीं होगा। वह अधिक धन दान में देगा।
जो व्यक्ति अधिक धन संग्रह करता होगा उसे समाज मूर्ख कहा कहेगा और उसे सत्य ज्ञान समझा कर उसे साधारण तरीके से रहने के लिए कहेंगे। और वह व्यक्ति उसे स्वीकार करेगा। सामान्य जीवन जीने वाले और भक्ति, दान धर्म करने वालों की प्रशंसा हुआ करेगी। पश्चिमी देशों वाली सभ्यता समाप्त हो जाएगी। स्त्रियां अपने शरीर का प्रदर्शन नहीं करेगी। अभद्र कपड़े नहीं पहनेगी। सभी मानव पूरे वस्त्र पहना करेंगे।
सुखमय जीवन जीएंगे। एक-दूसरे की सहायता अपने परिवार की तरह करेंगे। कलयुग में सतयुग एक हजार वर्ष तक चलेगा। इसका 50% प्रभाव 2 लाख वर्ष तक तथा 30% प्रभाव एक लाख तीस हजार वर्ष तक रहेगा।
कलयुग के बाद क्या होगा। यह सवाल सभी के मन में आता है।कलयुग में सभी मानव सृष्टि सब कुछ समाप्त हो जाएगा। पृथ्वी पर पानी ही पानी हो जाएगा।
उसके बाद कई वर्षों बाद धीरे-धीरे पृथ्वी का पानी सूखे का फिर से सब कुछ नया हो जाएगा। पेड़ पौधे हरियाली हो जाएगी। फिर से सतयुग की शुरुआत होगी। फिर से नवयुग आरम्भ होगा जो सतयुग के नाम से जाना जाएगा। सतयुग की अवधि 17 लाख 28 हजार वर्ष होगी।
पृथ्वीलोक पर फिर से धर्म का बोल-बाला होगा। मनुष्य भौतिक सुख की जगह मानसिक सुखों पर बल देगा। लोग एक दूसरे से नफरत नहीं किया करेंगे। नफरत के लिए कोई जगह ही नहीं होगी। एक दूसरे से सभी परिवार के जैसे प्यार प्रेम किया करेंगे। मनुष्यों को सतज्ञान की प्राप्ति होगी। लोग पूजन -कर्मकांड में विश्वास करेंगे। इस युग का मानव अपने तपोबल से भगवान से बात कर लिया करेगा। सतयुग को इस सृष्टि का स्वर्ण युग कहेंगें।
परन्तु (Kalyug Ka Ant) कलियुग को अभी अपना काफी लम्बा सफर तय करना है । और सतयुग के आने में लाखों वर्ष बांकी है । तो क्यों न हमलोग कलयुग में ही अपने धर्म और कर्म से सतयुग की तरह जीने का काम करें । क्योंकि ग्रंथों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है की कलयुग में भी जो लोग धर्म और कर्म पर विश्वास करेंगे उन्हें सतयुग की तरह ही सुख की प्राप्ति होगी । कब होगा कल्कि अवतार? भगवान विष्णु जी का यह पहला अवतार कल्कि का अवतार होगा।
जिनके अवतरित होने से पहले ही इनकी पूजा होने लगी है देश में कल्कि अवतार के कई मंदिर है पुरानी कथाओं और पुराणों के अनुसार कलयुग में पाप की सीमा पार हो जाएगी। तब दुष्टों का संहार करने के लिए कल्कि अवतार होगा। उनका वाहन देवदत्त नाम का सफेद घोड़ा होगा। यह पापियों का नाश करेंगे और साधु-संतों एवं पवित्र मन वाले लोगों की रक्षा करेंगे। जो मनुष्य भक्ति करते होंगे उन्हें नहीं मारेंगे।
पुराणों में कल्कि अवतार के बारे में विस्तार से बताया गया है कि यह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के पास स्थित संभल गांव में अवतार होगा। यहीं से वह धर्म की स्थापना शुरू करेंगे।
कल्कि अवतार विष्णु भगवान के अंतिम अवतार होंगे इनको निष्कलंक भगवान के नाम से पूरे विश्व में जाना जाएगा।
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