Hanuman Ji: हनुमान जी को परमात्मा प्राप्ति, हनुमान जी को मिले थे असली “आदि राम”

Hanuman Ji:
कविरदेव उर्फ मुनिंद्र जी हनुमान जी को सच्चा ज्ञान प्रदान किया । जिसके बाद हनुमान जी ने सतलोक देखने की प्रार्थना की। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी ने हनुमान जी को शाश्वत स्थान ‘सतलोक’ दिखाया और सच्चे मोक्ष मंत्र प्रदान किये जिनको जाप करने से हनुमान जी मोक्ष प्राप्त करने के योग्य बन गए।
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Kabir Prakat Diwas: महान शख्सियत के धनी कबीर साहेब का प्रकट दिवस, इनका जन्म नहीं हुआ था।

Kabir Prakat Diwas: कबीर जिनका नाम सुनकर आत्मा गदगद हो जाए जिनके नाम को जुबान पर लाने से अनेकों पुण्य मिलते हैं ऐसी महान शख्सियत का प्रकट दिवस कब है? हम आपको बताते हैं कबीर साहेब प्रकट दिवस 2022 में 14 जून को है। कबीर साहेब प्रकट दिवस 2022 को इस बार बहुत कुछ अनोखा होने वाला है। बहुत सारे लोग गूगल पर सर्च कर रहे हैं कबीर साहेब प्रकट दिवस कब है तो उनको हम अपने इस आर्टिकल के माध्यम से बताना चाहते हैं कि कबीर साहेब प्रकट दिवस 14 जून को है।
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Vat Savitri Vrat: कब है वट सावित्री व्रत? इससे लाभ है या नहीं?

Vat Savitri Vrat
हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत को सभी व्रतों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से सुहागिन नारियों का सुहाग सदा अटल रहता है। तथा वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है और निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही संतान के जीवन में आने वाली सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है। इसमें कितनी सच्चाई है आइए जानते है।
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Satlok (सतलोक): स्वर्ग और नरक से भिन्न एक सर्वोच्च स्थान है, हमारा वास्तविक घर सतलोक

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Satlok: सतलोक में सब व्यक्तियों (स्त्री-पुरूष) का अविनाशी शरीर है। मानसरोवर पर मनुष्य के शरीर की शोभा तथा स्त्रियों की शोभा 4 सूर्यों जितनी है। परंतु अमर लोक में प्रत्येक स्त्री, पुरूष के शरीर की शोभा 16 सूर्यों के प्रकाश जितनी है। सतपुरूष का भी अविनाशी शरीर है।
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Rishi Parashara: पाराशर ऋषि ने अपनी पुत्री के साथ किया….

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पाराशर ऋषि भगवान शिव के अनन्य उपासक थे। उन्हें अपनी मां से पता चला कि उनके पिता तथा भाइयों का राक्षसों ने वध कर दिया। उस समय पाराशर गर्भ में थे। उन्हें यह भी बताया गया कि यह सब विश्वामित्र के श्राप के कारण ही राक्षसों ने किया। तब तो वह आग बबूला हो उठे। अपने पिता तथा भाइयों के यूं किए वध का बदला लेने का निश्चय कर लिया। इसके लिए भगवान शिव से प्रार्थना कर आशीर्वाद भी मांग लिया।
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